अखिलेश यादव बोले- सपा सांसद रामजी लाल सुमन के साथ कोई घटना होती है तो उसके जिम्मेदार सीएम योगी होंगे
लखनऊ, 7 अप्रैल 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन या पार्टी के किसी अन्य नेता के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी जिम्मेदार होंगे। यह बयान अखिलेश ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जहां उन्होंने बीजेपी सरकार पर संगठित तरीके से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
अखिलेश का बयान
अखिलेश यादव ने कहा, “अगर रामजी लाल सुमन या समाजवादी पार्टी के किसी नेता के साथ कोई घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री होंगे। वह उस संगठन को संरक्षण दे रहे हैं, जो धमकियां दे रहा है। हम जाति की बात नहीं करना चाहते, लेकिन इसमें एक जातीय कनेक्शन साफ दिखता है। मुख्यमंत्री खुद इसे बढ़ावा दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हिटलर के जमाने में ट्रूपर्स हुआ करते थे। उसी तरह यहां एक छिपी हुई अंडरग्राउंड सेना तैयार की गई है, जो समय-समय पर लोगों को अपमानित करती है।”
रामजी लाल सुमन पर हमले का जिक्र
यह बयान उस घटना के संदर्भ में आया, जो पिछले महीने मार्च 2025 में हुई थी। तब सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। इस हमले में पथराव, तोड़फोड़ और गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया था। यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब रामजी लाल सुमन ने संसद में 16वीं सदी के राजपूत शासक राणा सांगा को “गद्दार” कहकर एक बयान दिया था। सुमन ने कहा था कि राणा सांगा ने मुगल शासक बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए भारत बुलाया था। इस बयान पर करणी सेना और कई संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था।
अखिलेश ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहा, “रामजी लाल सुमन एक अनुभवी दलित सांसद हैं। उनके घर पर हमला उस समय हुआ, जब मुख्यमंत्री आगरा में मौजूद थे। यह साफ है कि यह हमला उनकी सहमति के बिना नहीं हो सकता। उनकी जीरो टॉलरेंस की बातें अब खोखली साबित हो रही हैं।”

बीजेपी पर निशाना
अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इतिहास को तोड़-मरोड़ कर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी इतिहास के पन्ने पलटकर राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। हमने कहा था कि इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए, लेकिन वे इसे विवाद का मुद्दा बनाते हैं। रामजी लाल सुमन ने जो कहा, वह एक ऐतिहासिक तथ्य पर आधारित था। इसमें गलत क्या है?”
करणी सेना और सरकार का कनेक्शन
अखिलेश ने करणी सेना को बीजेपी का “हिडन आर्मी” करार दिया और कहा कि यह संगठन सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, “जब मुख्यमंत्री जिले में मौजूद हों, तब कोई संगठन सांसद के घर पर हमला कैसे कर सकता है? यह सब सुनियोजित है और सरकार की शह पर हो रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी का जीरो टॉलरेंस का दावा अब पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।
सपा का रुख
इस मौके पर अखिलेश ने पार्टी में शामिल हुए नए नेताओं का स्वागत भी किया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता दद्दू प्रसाद और सलाउद्दीन सहित कई अन्य नेताओं ने सपा का दामन थामा। अखिलेश ने इसे सपा की ताकत बढ़ने का संकेत बताया और कहा कि उनकी पार्टी “पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक” (पीडीए) के हितों के लिए लड़ती रहेगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
सपा सांसद डिंपल यादव ने भी इस मामले में सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। सांसद के घर पर हमला हो रहा है, और सरकार चुप है। यह सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है।” वहीं, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी के सांसद के विवादित बयान का बचाव कर रहे हैं, जिसने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
आगे की रणनीति
सपा ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। अखिलेश ने कहा कि ईद के बाद पार्टी सड़कों पर उतरेगी और इस “दलित विरोधी” हमले के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई सामाजिक न्याय और समानता के लिए है। बीजेपी की साजिश को हम बेनकाब करेंगे।”