सुल्तानपुर में शनिवार रात हादसों का कहर: तीन युवकों की मौत, लापरवाही ने बुझाए तीन घरों के चिराग
सुल्तानपुर, 13 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में शनिवार की रात हुए दो अलग-अलग हादसों ने तीन परिवारों को असहनीय दर्द दे दिया। इन हादसों में तीन युवकों की जान चली गई, और थोड़ी सी लापरवाही ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया। खबर मिलते ही मृतकों के घरों में चीख-पुकार मच गई, और सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। आइए, इन दुखद घटनाओं और उनके पीछे की वजहों पर विस्तार से नजर डालते हैं।
किसानों और ग्रामीणों पर असर
सुल्तानपुर के ग्रामीण इलाकों में ये हादसे किसानों के लिए भी चिंता का सबब बन गए हैं। बारिश से पहले ही फसलें प्रभावित हुई थीं, और अब सड़क हादसों ने परिवहन को और मुश्किल बना दिया है। कूरेभार के किसान रामदीन ने बताया, “सड़कें गीली हैं, और लोग लापरवाही से गाड़ी चला रहे हैं। हमारी फसलें बाजार तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है।”सुल्तानपुर के कूरेभार थाना क्षेत्र में शनिवार रात करीब 10:45 बजे एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। स्थानीय निवासी 24 वर्षीय रवि यादव, जो पास के गौरा गांव का रहने वाला था, एक बंद रेलवे क्रासिंग को पैदल पार करने की कोशिश कर रहा था। यह क्रासिंग, जो कई वर्षों से आधिकारिक रूप से बंद है, स्थानीय लोगों द्वारा अक्सर उपयोग की जाती है क्योंकि वैकल्पिक मार्ग दूर है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रवि रात के अंधेरे में क्रासिंग पार कर रहा था, तभी लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर तेज रफ्तार से आ रही एक मालगाड़ी ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। हादसा इतना भयानक था कि रवि की मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, और कूरेभार थाने की पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
गौरा गांव के रामप्रसाद ने बताया, “यह क्रासिंग बंद होने के बावजूद लोग इस्तेमाल करते हैं। रेलवे ने न तो कोई बैरियर लगाया है और न ही चेतावनी बोर्ड। अगर रोशनी या सुरक्षा की व्यवस्था होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।” पुलिस ने रेलवे प्रशासन से इस क्रासिंग की स्थिति पर सवाल उठाए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की लापरवाही से जान गई हो; पिछले कुछ महीनों में बंद रेलवे क्रासिंग पर कई हादसे हो चुके हैं।

दूसरा हादसा: बाइकों की टक्कर में दो दोस्तों की मौत
दूसरा हादसा सुल्तानपुर के लम्भुआ थाना क्षेत्र में तांडा-बांदा राजमार्ग पर शनिवार रात करीब 9:30 बजे हुआ। इस हादसे में दो दोस्त, 23 वर्षीय अंकित तिवारी और 25 वर्षीय विशाल सिंह, अपनी जान गंवा बैठे। दोनों लम्भुआ के पास के गांव शंकरपुर के रहने वाले थे और एक शादी समारोह से बाइक पर घर लौट रहे थे।
पुलिस के अनुसार, अंकित और विशाल अपनी बाइक पर थे, जब सामने से आ रही एक अन्य बाइक से उनकी आमने-सामने की टक्कर हो गई। जांच में सामने आया कि दूसरी बाइक का चालक, जो हादसे में घायल हुआ है, फोन पर बात कर रहा था, जिससे उसका ध्यान भटक गया। इसके अलावा, बारिश के कारण सड़क गीली थी, जिसने स्थिति को और खराब कर दिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि अंकित और विशाल सड़क पर गिर पड़े और उनके सिर में गंभीर चोटें आईं।
स्थानीय लोगों ने तुरंत दोनों को लम्भुआ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दूसरी बाइक का चालक, जिसकी पहचान 28 वर्षीय रमेश के रूप में हुई, गंभीर रूप से घायल है और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पुलिस ने दोनों बाइकों को जब्त कर लिया है और रमेश के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज किया है।
लम्भुआ थाने के इंस्पेक्टर संजय पांडेय ने बताया, “हादसे की मुख्य वजह सामने वाले बाइक सवार का फोन पर बात करना और गीली सड़क पर तेज रफ्तार थी। हम सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर जांच कर रहे हैं।”
मोबाइल की लत और मौसम की मार
ये हादसे एक बार फिर ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग की खतरनाक आदत को उजागर करते हैं। उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन के कारण 30% से ज्यादा हादसे हो रहे हैं। सुल्तानपुर में भी यह समस्या बढ़ रही है, जहां युवा ड्राइवर अक्सर फोन पर बात करते या मैसेज चेक करते पाए जाते हैं। शनिवार की बारिश और आंधी ने सड़कों को और जोखिम भरा बना दिया था, जिसने इन हादसों को और घातक कर दिया।
मौसम विभाग के अनुसार, सुल्तानपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में शनिवार को पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे दृश्यता कम हो गई थी। ऐसे में लापरवाही और फोन का उपयोग जानलेवा साबित हुआ। मौसम विभाग ने रविवार, 13 अप्रैल को मौसम साफ होने की भविष्यवाणी की है, लेकिन ड्राइवरों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
परिवारों में मातम, समाज में सवाल
हादसों की खबर मिलते ही रवि, अंकित, और विशाल के घरों में कोहराम मच गया। रवि अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था, और उसकी मौत ने उसके माता-पिता को गहरे सदमे में डाल दिया। अंकित और विशाल की दोस्ती पूरे गांव में मशहूर थी, और उनकी अचानक मौत ने शंकरपुर में मातम का माहौल बना दिया।
सोशल मीडिया पर लोग इन हादसों को लेकर दुख और गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “फोन की लत और लापरवाही ने तीन जवान जिंदगियां छीन लीं। कब तक यूं ही खून बहेगा?” कई लोगों ने रेलवे और ट्रैफिक प्रशासन से सुरक्षा उपायों को सख्त करने की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई
सुल्तानपुर पुलिस ने दोनों हादसों की गहन जांच शुरू कर दी है। रेलवे क्रासिंग हादसे में रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखकर बंद क्रासिंग पर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई है। बाइक हादसे में घायल चालक के ठीक होने के बाद उससे पूछताछ की जाएगी। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
जिलाधिकारी ने कहा, “हम इन हादसों से दुखी हैं। पुलिस और रेलवे प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।” इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस ने जागरूकता अभियान तेज करने और मोबाइल फोन के उपयोग पर सख्ती बरतने की बात कही है।
रोकथाम के लिए सुझाव
इन हादसों ने कई सबक दिए हैं। कुछ जरूरी कदम इस प्रकार हो सकते हैं:
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रेलवे क्रासिंग पर सुरक्षा: बंद क्रासिंग पर बैरियर, चेतावनी बोर्ड, और रोशनी की व्यवस्था की जाए।
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जागरूकता अभियान: मोबाइल फोन के उपयोग और सड़क सुरक्षा पर स्कूलों और गांवों में अभियान चलाए जाएं।
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सख्त कानून: ड्राइविंग के दौरान फोन उपयोग पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने की नीति लागू हो।
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सड़क सुधार: गीली सड़कों पर स्किडिंग रोकने के लिए बेहतर ड्रेनेज और सड़क डिजाइन की जरूरत है।
