• December 31, 2025

अयोध्या में रामलला के पाटोत्सव की धूम: प्रतिष्ठा द्वादशी पर होगा भव्य अभिषेक

अयोध्या : अयोध्या की पावन धरती एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित ‘पाटोत्सव’ अपने चरम पर पहुंच गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या इन दिनों पूरी तरह से राममय हो चुकी है। गलियों में गूंजते जय श्रीराम के उद्घोष, मंदिरों से आती वैदिक मंत्रों की ध्वनियां और सरयू तट पर उमड़ता श्रद्धा का सैलाब इस बात का प्रमाण है कि यह उत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का महापर्व बन चुका है। प्रतिष्ठा द्वादशी का वह पावन दिन, जब भव्य मंदिर में रामलला को विराजमान किया गया था, उसी तिथि की याद में आज रामलला का विशेष राजोपचार पूजन और महाअभिषेक किया जाएगा। इस ऐतिहासिक क्षण को और भी गरिमामय बनाने के लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं उपस्थित रहेंगे। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से भी उतना ही गौरवशाली माना जा रहा है।

वैदिक अनुष्ठानों और परंपराओं का संगम

प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर होने वाले इस धार्मिक आयोजन की रूपरेखा बेहद भव्य और शास्त्रोक्त है। बुधवार की सुबह से ही राम जन्मभूमि परिसर में वैदिक विद्वानों और प्रकांड पंडितों की देखरेख में अनुष्ठान प्रारंभ हो जाएंगे। पाटोत्सव के अंतर्गत रामलला का जो अभिषेक किया जाएगा, वह पूरी तरह से परंपरागत विधियों पर आधारित होगा। इसमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्रों का पाठ किया जाएगा, जिससे पूरा परिसर सकारात्मक ऊर्जा से भर उठेगा। मुख्य अनुष्ठान के दौरान यज्ञ और हवन की अग्नि प्रज्ज्वलित की जाएगी, जिसमें आहुतियां डालकर राष्ट्र के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। रामलला को विशेष द्रव्यों, पंचामृत और पवित्र नदियों के जल से स्नान कराया जाएगा। इसके पश्चात प्रभु का दिव्य श्रृंगार होगा, जिसमें उन्हें नवीन वस्त्राभूषणों से सुसज्जित किया जाएगा। संतों और धर्माचार्यों का मानना है कि प्रतिष्ठा द्वादशी का दिन भक्ति और शक्ति के मिलन का दिन है, क्योंकि इसी दिन रामलला अपने नवनिर्मित महल में स्थायी रूप से विराजे थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अयोध्या आगमन और कार्यक्रम

इस भव्य उत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अयोध्या पहुंच रहे हैं। उनका कार्यक्रम काफी विस्तृत और महत्वपूर्ण है। तय कार्यक्रम के अनुसार, रक्षा मंत्री सुबह करीब 11:00 बजे अयोध्या के हवाई अड्डे पर उतरेंगे, जहां से वे सीधे श्री राम जन्मभूमि परिसर के लिए प्रस्थान करेंगे। राजनाथ सिंह लगभग चार घंटे तक मंदिर परिसर में ही रहेंगे और विविध धार्मिक अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इस दौरान वे न केवल रामलला के चरणों में शीश नवाएंगे, बल्कि चल रहे पाटोत्सव की गरिमा बढ़ाएंगे। रक्षा मंत्री के इस दौरे का एक प्रमुख आकर्षण मंदिर के परकोटा क्षेत्र में नवनिर्मित अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करना है। सनातन धर्म में शिखर पर ध्वज फहराना विजय और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निर्माणाधीन मंदिर के अन्य कार्यों की प्रगति का भी जायजा लेंगे। वे उन कारीगरों और इंजीनियरों से भी मिल सकते हैं जो इस भव्य संरचना को आकार देने में दिन-रात जुटे हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति और सुरक्षा के कड़े प्रबंध

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिन्होंने अयोध्या के कायाकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री के साथ मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि प्रदेश सरकार राम मंदिर के उत्सवों को कितनी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ देखती है। मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री की उपस्थिति को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं। पूरी धर्मनगरी को सुरक्षा के कई घेरों में बांट दिया गया है। राम जन्मभूमि परिसर और उसके आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों और विशेष सुरक्षा इकाइयों की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। चूंकि प्रतिष्ठा द्वादशी पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है, इसलिए जिला प्रशासन ने दर्शन के लिए विशेष मार्गों का निर्धारण किया है और यातायात व्यवस्था को इस तरह से संचालित किया है कि आम भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

अंगद टीला पर भव्य समारोह और जन संबोधन

धार्मिक अनुष्ठानों की समाप्ति के पश्चात, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अंगद टीला परिसर में आयोजित एक विशेष समारोह में सम्मिलित होंगे। यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ वे उपस्थित संत-महात्माओं, गणमान्य नागरिकों और श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। रक्षा मंत्री का यह संबोधन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राम मंदिर के महत्व और राष्ट्र निर्माण में भगवान राम के आदर्शों की प्रासंगिकता पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई वरिष्ठ संत और धर्माचार्य भी इस मंच पर उपस्थित रहेंगे, जो रामलला के पाटोत्सव पर अपने विचार साझा करेंगे। इस समारोह के माध्यम से राम मंदिर निर्माण की यात्रा और इसके पूर्ण होने के बाद आए बदलावों पर भी चर्चा होने की संभावना है। संबोधन समाप्त करने के बाद, रक्षा मंत्री दोपहर 3:20 बजे अयोध्या से वापसी के लिए रवाना होंगे।

राममय अयोध्या और भक्तों का अटूट उत्साह

प्रतिष्ठा द्वादशी के इस अवसर पर केवल राम जन्मभूमि परिसर ही नहीं, बल्कि पूरी अयोध्या नगरी उत्सव के उल्लास में डूबी हुई है। अयोध्या का कोना-कोना राममय हो चुका है। जगह-जगह अखंड रामायण का पाठ, भजन-कीर्तन और रामकथा के आयोजन हो रहे हैं। शाम के समय सरयू के घाटों पर दीपों की रोशनी और महाआरती का दृश्य ऐसा प्रतीत होता है मानो साक्षात देवलोक धरती पर उतर आया हो। देश-दुनिया से आए श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन के लिए आतुर हैं। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारों और जल सेवा की व्यवस्था की गई है। यह उत्सव केवल दूसरी वर्षगांठ का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उस अटूट विश्वास का उत्सव है जो सदियों के संघर्ष के बाद सफल हुआ है। श्रद्धालुओं का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या की रौनक बदल गई है और हर साल इस तिथि को दीपावली की तरह मनाया जाना चाहिए। आज का यह भव्य अभिषेक कार्यक्रम इसी परंपरा को आगे बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

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