विजय हजारे ट्रॉफी में ‘किंग’ कोहली का विराट धमाका: सचिन तेंदुलकर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी, सबसे तेज 16 हजार रन बनाकर रचा नया इतिहास
बेंगलुरु: भारतीय क्रिकेट के ‘रन मशीन’ विराट कोहली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उन्हें आधुनिक युग का महानतम बल्लेबाज क्यों कहा जाता है। टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद घरेलू क्रिकेट के मैदान पर लौटे विराट कोहली ने बुधवार को विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से खेलते हुए एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया, जिसने क्रिकेट जगत को एक बार फिर उनके सामने नतमस्तक होने पर मजबूर कर दिया है। बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई के ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ मैदान पर आंध्र प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए विराट कोहली ने लिस्ट-ए क्रिकेट में अपने 16,000 रन पूरे कर लिए हैं। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के एक और बड़े रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है और कई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है।
विजय हजारे ट्रॉफी में कोहली का जलवा और शानदार शतक
घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली की कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल रहे या एक सीनियर खिलाड़ी के रूप में खेल रहे विराट कोहली से प्रशंसकों को बड़ी उम्मीदें थीं। आंध्र प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में दिल्ली के सामने 299 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। आंध्र के गेंदबाजों ने शुरुआती दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही किंग कोहली क्रीज पर आए, मैच का नक्शा ही बदल गया।
कोहली ने न केवल दिल्ली की पारी को संभाला, बल्कि मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट्स लगाकर एक बेहतरीन शतक जड़ा। इसी शतकीय पारी के दौरान जैसे ही उन्होंने अपना व्यक्तिगत स्कोर एक निश्चित आंकड़े पर पहुँचाया, उन्होंने लिस्ट-ए क्रिकेट में 16,000 रनों का जादुई आंकड़ा पार कर लिया। यह शतक उनके आत्मविश्वास और आने वाले चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट्स के लिए उनकी तैयारी का पुख्ता प्रमाण है।
सचिन तेंदुलकर को छोड़ा पीछे: सबसे तेज 16 हजारी बने विराट
विराट कोहली अब सचिन तेंदुलकर के बाद लिस्ट-ए क्रिकेट में 16,000 रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। हालांकि, जिस गति से कोहली ने यह मुकाम हासिल किया है, वह अविश्वसनीय है। महान सचिन तेंदुलकर ने लिस्ट-ए करियर में 16,000 रनों का आंकड़ा अपनी 391वीं पारी में छुआ था। इसके विपरीत, विराट कोहली ने मात्र 330 पारियों में ही इस पहाड़ जैसे लक्ष्य को पार कर लिया है।
पारियों के अंतर को देखा जाए तो कोहली ने सचिन से 61 पारियां कम खेलकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि विराट कोहली का निरंतरता (Consistency) का स्तर किस कदर ऊंचा रहा है। लिस्ट-ए क्रिकेट में घरेलू वनडे, अंतरराष्ट्रीय वनडे और अन्य मान्यता प्राप्त 50 ओवर के मैच शामिल होते हैं, और इन सभी प्रारूपों में कोहली का दबदबा एक समान रहा है।
विश्व क्रिकेट के एलीट क्लब में शामिल हुए ‘चीकू’
16,000 लिस्ट-ए रनों का आंकड़ा पार करने के साथ ही विराट कोहली अब दुनिया के उन चुनिंदा नौ बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इस कठिन मील के पत्थर को पार किया है। इस एलीट क्लब में कोहली से पहले ग्राहम गूच, ग्रीम हिक, सचिन तेंदुलकर, कुमार संगकारा, सर विवियन रिचर्ड्स, रिकी पोंटिंग, गॉर्डन ग्रीनिज और सनथ जयसूर्या जैसे दिग्गज अपनी जगह बना चुके हैं।
हैरानी की बात यह है कि इस सूची में शामिल अधिकांश खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं, जबकि विराट कोहली अभी भी सक्रिय हैं और जिस लय में वो बल्लेबाजी कर रहे हैं, आने वाले समय में वे इस सूची में और ऊपर जा सकते हैं। विराट की इस उपलब्धि ने एक बार फिर ‘सचिन बनाम विराट’ की बहस को छेड़ दिया है, जहाँ आंकड़ों के मामले में कोहली तेजी से अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर के करीब पहुँच रहे हैं या उन्हें पीछे छोड़ रहे हैं।
एकदिवसीय प्रारूप के बेताज बादशाह
विराट कोहली ने भले ही टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय से दूरी बना ली हो, लेकिन वनडे (एकदिवसीय) क्रिकेट में उनकी भूख आज भी वैसी ही है जैसी एक दशक पहले थी। वर्तमान में वे सचिन तेंदुलकर के बाद वनडे अंतरराष्ट्रीय में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। उनके नाम 308 वनडे मैचों में 14,557 रन दर्ज हैं, जिसमें 53 शतक और 76 अर्धशतक शामिल हैं।
याद रहे कि वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकों का विश्व रिकॉर्ड (50 से अधिक शतक) भी विराट कोहली के ही नाम है, जिसे उन्होंने 2023 के विश्व कप के दौरान सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़कर अपने नाम किया था। इसके अलावा, वे अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 14,000 रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उनकी तकनीक, फिटनेस और मैच को अंत तक ले जाने की क्षमता उन्हें इस प्रारूप का ‘चेज मास्टर’ बनाती है।
घरेलू क्रिकेट में वापसी के मायने
विराट कोहली का विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट में खेलना भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संदेश है। अक्सर बड़े खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के कारण घरेलू क्रिकेट को समय नहीं दे पाते, लेकिन कोहली की इस भागीदारी ने टूर्नामेंट के स्तर को ऊंचा कर दिया है। इससे न केवल युवा खिलाड़ियों को उनके साथ खेलकर सीखने का मौका मिल रहा है, बल्कि प्रशंसकों का उत्साह भी चरम पर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोहली की यह पारी भारतीय टीम के आगामी वनडे असाइनमेंट्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिस तरह से उन्होंने 330वीं पारी में यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, उसने यह साफ कर दिया है कि उनके भीतर रनों की भूख अभी खत्म नहीं हुई है। दिल्ली के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनके राज्य का खिलाड़ी विश्व स्तर पर तिरंगा फहराने के बाद अब अपनी जड़ों की ओर लौटकर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा रहा है।
निष्कर्ष: रिकॉर्ड्स का नया शिखर
24 दिसंबर का दिन भारतीय घरेलू क्रिकेट के लिए पहले से ही रिकॉर्ड्स का दिन रहा था, जहाँ बिहार के बल्लेबाजों ने रनों की बारिश की थी, वहीं दिन ढलते-ढलते विराट कोहली ने इस दिन को और भी यादगार बना दिया। सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी करना और उसे पार करना किसी भी क्रिकेटर के लिए एक सपने जैसा होता है, और विराट ने इसे अपनी मेहनत और अनुशासन से हकीकत में बदल दिया है।
अब पूरी दुनिया की नजरें विराट के अगले लक्ष्य पर होंगी। क्या वे लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे ज्यादा रनों के सर्वकालिक रिकॉर्ड को भी तोड़ पाएंगे? जिस रफ़्तार से ‘किंग कोहली’ आगे बढ़ रहे हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि उनके लिए कोई भी आंकड़ा नामुमकिन नहीं है। भारतीय क्रिकेट प्रेमी बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि कोहली का यह बल्ला इसी तरह गरजता रहे और देश को और भी गौरवशाली पल देता रहे।