योगी सरकार का घुसपैठियों पर सबसे बड़ा ऐक्शन: पूरे यूपी में चलेगा मेगा वेरिफिकेशन ड्राइव, डिटेंशन सेंटर बनकर तैयार
लखनऊ: अपराधियों और माफिया पर एनकाउंटर-बुलडोजर के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घुसपैठियों (अवैध विदेशी नागरिकों) के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी है। सरकार ने पूरे प्रदेश में घुसपैठियों की पहचान, वेरिफिकेशन और निर्वासन के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। इसे “आंतरिक सुरक्षा पर सर्जिकल स्ट्राइक” करार दिया जा रहा है।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत यह अभियान चला रहे हैं। इसका दोहरा मकसद है – प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाना और सरकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र लोगों तक पहुंचाना।
क्यों जरूरी हुआ यह कदम?
- घुसपैठिए फर्जी दस्तावेज बनाकर आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड हासिल कर रहे थे
- सरकारी योजनाओं (आवास, राशन, पेंशन आदि) का लाभ अपात्र लोग उठा रहे थे
- कई मामलों में घुसपैठिए संगठित अपराध, जालसाजी और आतंकी नेटवर्क से जुड़े पाए गए
- सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या संतुलन पर खतरा
कैसे होगी घुसपैठियों पर “सर्जिकल स्ट्राइक”?
- राज्य-स्तरीय मेगा वेरिफिकेशन अभियान शुरू
- आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड समेत सभी दस्तावेजों की स्कैनिंग और जांच
- बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट + फेस रिकग्निशन) से प्रोफाइल तैयार
- 17 नगर निगमों-नगर पालिकाओं को अवैध प्रवासियों की लिस्ट बनाने के सख्त निर्देश
- हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर, हर मंडल में 15,000 क्षमता वाले स्थायी सेंटर
- तीन लेयर सिक्योरिटी, सीसीटीवी कंट्रोल रूम, फेस रिकग्निशन और थंब इम्प्रेशन
- “भागने की गुंजाइश शून्य” वाली अभेद्य व्यवस्था
- पहचान होते ही विदेशी अधिनियम-1946 के तहत तुरंत निर्वासन
- फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों पर NSA-Gangster एक्ट के तहत कार्रवाई
- नेपाल से सटे 7 सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी यूनिट तैनात
जनता से भी अपील:
मुख्यमंत्री योगी ने नागरिकों से कहा, “कोई भी व्यक्ति नौकरी या किराए पर मकान देने से पहले आधार-वोटर कार्ड की पूरी जांच करें। अगर संदेह हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।”सरकारी सूत्रों का दावा है कि यह अभियान इतना प्रभावी होगा कि पूरे देश के लिए यूपी मॉडल बन सकता है। पहले चरण में हजारों संदिग्धों की लिस्ट तैयार हो चुकी है और जल्द ही बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू होने वाली है।यूपी में कानून-व्यवस्था के बाद अब “घुसपैठ मुक्त उत्तर प्रदेश” सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य बन गया है।