• October 19, 2025

‘बैंकिंग लापरवाही का सबक’: SBI को 7 लाख + ब्याज चुकाने का फरमान

कानपुर, 11 अक्टूबर 2025: कानपुर के एक युवा की जिंदगी SBI की लापरवाही से पटरी से उतर गई, लेकिन उपभोक्ता फोरम ने न्याय सुनिश्चित किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 7 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मय 7% ब्याज चुकाने का सख्त आदेश मिला है। 2015 में UPSC APO मुख्य परीक्षा की फीस जमा न होने से अवनीश वर्मा परीक्षा से वंचित रह गए। RBI और बैंकिंग लोकपाल की निष्क्रियता के बाद फोरम ने फैसला दिया। लेकिन क्या यह मुआवजा खोए सपनों की भरपाई कर पाएगा? आइए, इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी जानते हैं।

परीक्षा का सपना टूटा: SBI की लापरवाही से फीस जमा न हुई

कानपुर के देहली सुजानपुर निवासी अवनीश वर्मा, जो एक अधिवक्ता हैं, ने 2015 में UPSC APO (सहायक पुलिस अधिकारी) की प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी। मुख्य परीक्षा के लिए 7 सितंबर 2015 को उन्होंने SBI की कृष्णा नगर शाखा में 255 रुपये की फीस जमा की। बैंक ने रसीद जारी की, लेकिन पैसा UPSC के खाते में ट्रांसफर नहीं हुआ। अवनीश ने वेबसाइट पर अपडेट करने की कोशिश की, लेकिन समय सीमा निकल गई। नतीजा? मुख्य परीक्षा से वंचित रह गए, जो उनके करियर के लिए बड़ा झटका था। अवनीश ने बताया कि वे परीक्षा में सफल होने को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन बैंक की चूक ने सब बर्बाद कर दिया। यह घटना SBI की ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सिस्टम की कमजोरी को उजागर करती है।

लोकपाल की नाकामी: RBI शिकायत पर केवल माफी, कोई कार्रवाई नहीं

अवनीश ने तुरंत RBI और बैंकिंग लोकपाल से शिकायत की। लोकपाल ने SBI को 10 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया, लेकिन बैंक ने केवल लिखित माफी भेजी—पैसे नहीं दिए। इससे नाराज अवनीश ने अक्टूबर 2018 में उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया। प्रतिवादी थे SBI के चेयरपर्सन, कानपुर मॉल रोड नोडल अधिकारी और कृष्णा नगर ब्रांच मैनेजर। फोरम ने सुनवाई के बाद 3 अक्टूबर 2025 को फैसला सुनाया: SBI को 7 लाख रुपये क्षतिपूर्ति, वाद दाखिल की तारीख से भुगतान तक 7% ब्याज, और 10 हजार रुपये वाद व्यय चुकाना होगा। जजमेंट में कहा गया कि बैंक की सेवा में कमी से अवनीश को अपूरणीय क्षति हुई। यह फैसला उपभोक्ता अधिकारों की मिसाल बन गया।

न्याय की जीत: 7 लाख + ब्याज, लेकिन खोया समय कैसे लौटेगा

उपभोक्ता फोरम का यह फैसला SBI जैसी बड़ी संस्था के लिए चेतावनी है। अवनीश को मिलने वाली राशि न केवल आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगी, बल्कि मानसिक आघात के लिए भी होगी। फोरम ने स्पष्ट किया कि बैंकिंग सेवाओं में लापरवाही से उपभोक्ता का जीवन प्रभावित होता है। अवनीश ने कहा कि यह जीत उनके जैसे हजारों युवाओं के लिए है। SBI को फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार है, लेकिन फिलहाल पालन की उम्मीद। यह केस उपभोक्ता संरक्षण कानून की ताकत दिखाता है, जहां 50 लाख तक के दावों पर जिला फोरम सुनवाई करता है।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *