राजस्थान: चुनाव से पहले गहलोत का बड़ा दांव, जातिगत जनगणना के दिए संकेत
जयपुर: राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बिशात बिछाने का काम शुरू कर दिया है | बता दें की सीएम गहलोत ने राज्य में जाति जनगणना को लेकर बड़ी चाल चली है | इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जातिगत समीकरण साधने में जुटे हैं।
बता दें कि विधानसभा से पहले प्रदेश की जनता को गहलोत ने जातिगत जनगणना की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई है। गहलोत ने अपने मंत्रियों, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर जातिगत जनगणना के मुददे को हवा देने की रणनीति बनाई है।
गहलोत ने अपने सहयोगियों से चर्चा कर कहा कि केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए, जिससे सभी समाजों को उनका हक मिल सके। गहलोत की रणनीति है कि जातिगत जनगणना की मांग को लेकर अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाए।
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गौरतलब है की कांग्रेस के नेता जातिगत जनगणना के मामले को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुददा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें ओबीसी वर्ग के नेता ज्यादा हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा में 60 विधायक और प्रदेश से लोकसभा की 25 में से 11 सीटों पर ओबीसी वर्ग के सांसद हैं।
प्रदेश की आबादी आठ करोड़ मानी जाती है,जिसमें से करीब पौने चार करोड़ ओबीसी वर्ग की है। ओबीसी में मुख्य रूप से जाट,माली,यादव,कुमावत सहित 50 जातिया हैं। ऐसे में ओबीसी वर्ग के नेता राज्य सरकार पर जातिगत जनगणना को लेकर ज्यादा दबाव बना रहे हैं।