• October 28, 2025

मध्य प्रदेश के 24 जिलों में आज और कल झमाझम बारिश के आसार, उज्जैन और ग्वालियर में भी बरसेंगे बादल

लखनऊ/ 22 अगस्त, 2025 : मध्य प्रदेश में मानसून का दौर जोरों पर है, और मौसम विभाग ने 22 और 23 अगस्त 2025 को प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, जबलपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर और कटनी शामिल हैं। उज्जैन और ग्वालियर में भी गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना है। चार मौसम प्रणालियों, जिसमें मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन शामिल हैं, के कारण यह बारिश का दौर दो-तीन दिन तक जारी रह सकता है। बैतूल जैसे कुछ जिलों में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ का खतरा भी है। यह लेख मध्य प्रदेश के मौसम, प्रभावित जिलों, और संभावित प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

परिचय: मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता

मध्य प्रदेश में इस समय मानसून पूरे जोर पर है, और मौसम विभाग ने 22 और 23 अगस्त 2025 को प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों सहित कई जिलों में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून ट्रफ और तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के सक्रिय होने के कारण यह बारिश का दौर दो से तीन दिन तक जारी रह सकता है।

इस बारिश के कारण न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और जलभराव का खतरा भी बढ़ गया है। बैतूल जिले में सतपुड़ा जलाशय के गेट खोले गए हैं, जिससे तवा नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। यह लेख मध्य प्रदेश के मौसम के ताजा हालात, प्रभावित जिलों, और संभावित प्रभावों का विश्लेषण करता है।

 

मौसम विभाग का अलर्ट: 24 जिलों में भारी बारिश

मौसम विभाग ने 22 और 23 अगस्त 2025 के लिए मध्य प्रदेश के 24 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ये जिले हैं: भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, जबलपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, और कटनी। इनमें से कुछ जिलों, जैसे बैतूल और बुरहानपुर, में अति भारी बारिश (64.5 से 204.4 मिमी) की संभावना है। उज्जैन और ग्वालियर में भी गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी है। मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी के कारण दक्षिणी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में रुक-रुककर बारिश हो रही है। इसके अलावा, विदर्भ पर बने शियर जोन और मानसून ट्रफ के प्रभाव से बारिश की तीव्रता बढ़ रही है।

 

प्रभावित क्षेत्र और हालात

भोपाल, इंदौर, उज्जैन, और ग्वालियर , राजधानी में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। 20 अगस्त को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक 5.4 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। आज और कल भारी बारिश की संभावना है, जिसके साथ गरज-चमक और तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चल सकती हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन में भी 20 अगस्त को 6 मिमी बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने आज और कल मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थानीय नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। ग्वालियर-चंबल संभाग में मध्यम बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका है। मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है।

अन्य जिले

बैतूल में सोमवार रात से शुरू हुई झमाझम बारिश मंगलवार देर शाम तक जारी रही। सतपुड़ा जलाशय के पांच गेट खोले गए हैं, और 8500 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जबलपुर, मंडला, और बालाघाट इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है। जबलपुर में स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। इन जिलों में 20 अगस्त को क्रमशः 10 मिमी और 14 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। आज और कल भी भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक दिव्या सुरेंद्रन के अनुसार, इन प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर चल रहा है। कुछ क्षेत्रों में 64.5 से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और जलभराव का खतरा है

 

संभावित प्रभाव और सावधानियां

बैतूल, नर्मदापुरम, और जबलपुर जैसे जिलों में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ रहा है। सतपुड़ा जलाशय और तवा नदी में बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा है। स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी है। बारिश से फसलों को नुकसान की आशंका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अनाज मंडियों में रखा हुआ है। दिसंबर 2024 में रीवा में 4.2 इंच बारिश से मंडियों में अनाज भीग गया था, और इस बार भी ऐसी स्थिति बन सकती है। भोपाल, इंदौर, और उज्जैन जैसे शहरों में जलभराव से यातायात प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरी न होने पर घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर में बिजली गिरने की संभावना है। लोगों को खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे न रहने की सलाह दी गई है।

तापमान और अन्य मौसमी हालात

भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट की उम्मीद है। भोपाल में अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। ग्वालियर में अधिकतम तापमान 34 डिग्री और उज्जैन में 30.7 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का यह सिलसिला 24 अगस्त तक जारी रह सकता है, लेकिन 25 अगस्त के बाद इसकी तीव्रता में कमी आ सकती है। मालवा-निमाड़ और विंध्य क्षेत्र में बारिश का प्रभाव सबसे अधिक रहेगा, जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की सक्रियता के कारण मध्य प्रदेश में इस सीजन में औसत से 27% अधिक बारिश हो चुकी है। यह बारिश सूखे से प्रभावित क्षेत्रों, जैसे मालवा-निमाड़, के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन बाढ़ और जलभराव जैसे जोखिम भी बढ़ा रही है।

 

निष्कर्ष: सतर्कता और तैयारी जरूरी

मध्य प्रदेश के 24 जिलों में 22 और 23 अगस्त 2025 को भारी बारिश की संभावना ने प्रशासन और जनता को सतर्क कर दिया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर जैसे शहरों में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। बैतूल और नर्मदापुरम जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने, नदी-नालों से दूर रहने, और बिजली गिरने के खतरे से बचने की सलाह दी है। किसानों को भी अपनी फसलों और मंडियों में रखे अनाज को सुरक्षित करने की सलाह दी गई है। यह बारिश जहां सूखे से राहत दे रही है, वहीं बाढ़ और जलभराव जैसे जोखिमों को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। मध्य प्रदेश का यह मौसमी दौर न केवल मौसम की विविधता को दर्शाता है, बल्कि आपदा प्रबंधन की तैयारियों को भी परख रहा है।

 

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *