पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, राहुल गांधी के खिलाफ दिया था बयान
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। पार्टी की तरफ से मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।
रॉबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी के खिलाफ की थी बयानबाजी
बता दें कि पिछले महीने लक्ष्मण सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि पार्टी को रॉबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी दोनों की अपरिपक्वता से निपटना होगा। पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर, लक्ष्मण सिंह ने अपनी पार्टी के भीतर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था, उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा अपरिपक्व हैं। उन्होंने दावा किया था कि देश उनकी (राहुल) अपरिपक्वता के परिणाम भुगत रहा है।
कौन हैं लक्ष्मण सिंह?
लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश से पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं। वे पहली बार 1990 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। वे पहली बार 1994 में राजगढ़ से सांसद बने थे। लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई भी हैं। लक्ष्मण सिंह 1990-1992, 1993-1994 और 2018 में तीन बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। 1994 में वह उपचुनाव में 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए। 1996 के संसदीय चुनाव में उन्होंने 11वीं लोकसभा में दूसरा कार्यकाल जीता और 1998 के आम चुनावों और 1999 के उपचुनावों में 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने हमेशा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते।
हालांकि, लक्ष्मण सिंह ने पाला बदल लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और राजगढ़ सीट से फिर से 14वीं लोकसभा (2004-2009) के लिए चुने गए। लेकिन वे 15वीं लोकसभा का चुनाव हार गए, जब कांग्रेस ने राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को हरा दिया। लक्ष्मण जनवरी 2013 में कांग्रेस में वापस आ गए।
