लखनऊ: उतरेटिया में रेलवे ट्रैक पर लोहे का दरवाजा, ट्रेन पलटाने की साजिश, जांच में जुटीं एजेंसियां
लखनऊ, 23 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। उतरेटिया रेलवे स्टेशन के पास बक्कास-उतरेटिया खंड में रेलवे ट्रैक पर लोहे का दरवाजा और पेंड्रोल क्लिप्स निकाले जाने की घटना ने रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। यह पिछले सात दिनों में ट्रेन पलटाने की दूसरी साजिश है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे और पुलिस की टीमें जांच में जुट गई हैं, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी इस मामले की तह तक जाने के लिए सक्रिय हो गई है।
घटना का विवरण
रेलवे के यूटीआर इंचार्ज अनिल कुमार पांडे के अनुसार, मंगलवार देर रात उतरेटिया-बक्कास रेलवे खंड के ट्रैक पर एक लोहे का दरवाजा रखा हुआ पाया गया। इसके साथ ही, ट्रैक की स्थिरता के लिए जरूरी पेंड्रोल क्लिप्स को भी हटाया गया था। यह घटना उस समय सामने आई जब एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रैक पर असामान्य वस्तु देखकर तुरंत ट्रेन रोक दी। लोहे का दरवाजा ट्रेन के टकराने से टूटकर बिखर गया, लेकिन सतर्कता के कारण कोई बड़ा हादसा टल गया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह साजिश ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से की गई थी। घटनास्थल पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ), सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी), और स्थानीय पुलिस ने पहुंचकर जांच शुरू की। पेंड्रोल क्लिप्स हटाए जाने और लोहे के दरवाजे की मौजूदगी ने इस घटना को सुनियोजित साजिश का हिस्सा होने की आशंका को और पुख्ता किया है।
पिछले सात दिनों में दूसरी घटना
यह घटना लखनऊ में एक सप्ताह के भीतर ट्रेन पलटाने की दूसरी साजिश है। इससे पहले, 16 अप्रैल 2025 को मलिहाबाद के पास दिलावर नगर-रहीमाबाद खंड में गरीब राठ एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश की गई थी। उस घटना में ट्रैक पर 2.5 फीट लंबा और 6 इंच मोटा लकड़ी का लट्ठा रखा गया था, साथ ही एक गमछा और कुछ पेड़ की टहनियां भी मिली थीं। उस मामले में रहीमाबाद पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
लखनऊ में इन लगातार घटनाओं ने रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक उत्तर प्रदेश में ट्रेन पलटाने की 38 ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं, जिनमें से कई में लोहे की छड़ें, गैस सिलेंडर, और सीमेंट के ब्लॉक जैसी वस्तुएं ट्रैक पर रखी गई थीं।
जांच में जुटीं एजेंसियां

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे ने तत्काल जांच शुरू कर दी है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। लोहे के दरवाजे और हटाए गए पेंड्रोल क्लिप्स की फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की है, क्योंकि हाल के महीनों में देशभर में ट्रेन पलटाने की कोशिशों को संगठित साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
पुलिस ने आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की है और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम इस मामले को हर कोण से देख रहे हैं। यह असामाजिक तत्वों का काम हो सकता है, लेकिन आतंकी साजिश का पहलू भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट
पहलगाम आतंकी हमले और उतरेटिया की इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, और नेपाल सीमा से सटे इलाकों में सघन जांच की जा रही है। लखनऊ के चारबाग और गोमती नगर रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और उत्तर प्रदेश पुलिस ड्रोन और सीसीटीवी की मदद से निगरानी कर रही है।
रेलवे ने सभी लोको पायलटों को ट्रैक पर संदिग्ध वस्तुओं के प्रति सतर्क रहने और तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए हैं। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है। ट्रैक की नियमित जांच और निगरानी बढ़ा दी गई है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता करार देते हुए ट्वीट किया, “लखनऊ में ट्रेन पलटाने की साजिश चिंताजनक है। बीजेपी सरकार की नाकामी के कारण आम जनता की जान खतरे में है।”
वहीं, बीजेपी के स्थानीय विधायक ने सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। रेलवे और पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं।”
सामाजिक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। एक्स पर #UtretiaAttack और #TrainSabotage जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “लखनऊ में बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार को रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”
रेलवे की चुनौतियां और भविष्य की रणनीति
हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश सहित देशभर में ट्रेन पलटाने की कोशिशों में वृद्धि ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैक की निगरानी के लिए ड्रोन और सेंसर-आधारित तकनीक का उपयोग बढ़ाने की जरूरत है। रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञ संजीव मेहरा ने कहा, “संकरे और सुनसान रेलवे खंडों में निगरानी एक बड़ी चुनौती है। हमें आधुनिक तकनीक और खुफिया तंत्र को और मजबूत करना होगा।”
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि रेलवे ट्रैक पर बाधाएं डालने की घटनाओं की जांच गंभीरता से की जा रही है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का वादा किया है।
