UP: संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का काम शुरू, एएसआई की टीम के साथ कमेटी के लोग भी मौजूद
संभल, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में रंगाई और पुताई का काम शुरू हो गया है। यह मस्जिद ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जानी जाती है, और इसके रख-रखाव के लिए भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने भी अपनी निगरानी शुरू कर दी है। इस काम के दौरान मस्जिद कमेटी के सदस्य और एएसआई के अधिकारी भी उपस्थित थे।
रंगाई-पुताई का कार्य:
संभल की जामा मस्जिद की रंगाई और पुताई के इस कार्य की शुरुआत ऐतिहासिक संरचनाओं की देखभाल और संरक्षण के तहत की जा रही है। इस मस्जिद का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसे संरक्षित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रंगाई-पुताई के कार्य से न केवल मस्जिद की सुंदरता में वृद्धि होगी, बल्कि यह संरचना आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रहेगी।
एएसआई की टीम ने मस्जिद के वास्तुकला और ऐतिहासिक संरचनाओं का पूरी तरह से निरीक्षण किया है, ताकि कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की संरचनात्मक क्षति न हो। मस्जिद कमेटी के सदस्य भी इस कार्य में भागीदारी निभा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कार्य पारदर्शी और सही तरीके से हो।
मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व:
संभल की जामा मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है, और यह शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक मानी जाती है। इसका निर्माण कई दशक पहले हुआ था, और इसे अपनी वास्तुकला और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। मस्जिद में विशेष रूप से आकर्षक कलात्मक डिजाइन और प्राचीन शिल्प कार्य देखने को मिलता है, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर बनाता है।
इस मस्जिद में आयोजित होने वाली नमाजें, धार्मिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बनाते हैं। इसके संरक्षण से न केवल स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान होता है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
एएसआई और कमेटी का सहयोग:
एएसआई की टीम इस काम में पूरी तरह से सहयोग कर रही है, ताकि मस्जिद की ऐतिहासिक संरचनाओं की रक्षा की जा सके। एएसआई के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के कार्यों से संरचना की दीवारों और अन्य हिस्सों को क्षति पहुँचने से बचाया जा सकता है और वे लंबे समय तक सुरक्षित रह सकते हैं। एएसआई के अलावा मस्जिद की देखरेख करने वाली कमेटी भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है, और यह सुनिश्चित कर रही है कि काम में कोई समस्या न आए।
संभल की जामा मस्जिद में हो रहे इस कार्य को लेकर स्थानीय समुदाय में खुशी का माहौल है। लोगों का मानना है कि इस प्रकार के कार्यों से मस्जिद की सुंदरता बनी रहेगी और भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को भी यह धरोहर देखने को मिलेगी।
