बलिया में 55 फीसदी से कम मतदान पर नहीं होता है उलटफेर
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है। प्रत्याशियों व उनके समर्थक जीत का गुणा-भाग करने में जुटे हैं। मगर बलिया संसदीय सीट का इतिहास देखें तो इस बार कोई उलटफेर नहीं होने जा रहा है। क्योंकि यहां सिर्फ तीन बार 55 फीसदी मतदान हुआ है और तीनों बार पहले से स्थापित दल की हार हुई है। जबकि इस बार महज 55 फीसदी से कम मत पड़े हैं।
जिले में सातवें और आखिरी चरण में शनिवार को मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। हालांकि, जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों के तमाम प्रयासों के बावजूद पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम वोट पड़े।
उल्लेखनीय है कि बलिया लोकसभा क्षेत्र में फेफना में 330157, बलिया नगर में 366659, बैरिया में 368040, जहूराबाद में 423482 व मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के 435307 मतदाताओं को मिलाकर 1923645 कुल मतदाता हैं। इसमें से 51.84 प्रतिशत ने ही मतदान किया। यह 2019 से भी कम है। 2019 में 53.51 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बलिया के वोटर टर्न आउट का ट्रेंड देखें तो इस लोकसभा से आठ बार सांसद रहे पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर 1977 में जब पहली बार सांसद बने थे, तब पहली बार जिले में सबसे अधिक 55.93 फीसदी मतदान हुआ था। उस वक्त चन्द्रशेखर ने लगातार चार बार से जीत रही कांग्रेस के प्रत्याशी चंद्रिका प्रसाद को हराया था। इसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी सहानुभूति लहर में कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी ने तब राष्ट्रीय नेता की पहचान कायम कर चुके चन्द्रशेखर को मात दी थी। इसके बाद 55 फीसदी से अधिक मतदान 2014 में हुआ। मोदी लहर में समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर भरत सिंह से मात खा गए थे। 2014 में 55 प्रतिशत मत पड़े थे। यानी जब भी मत प्रतिशत ने 55 के आंकड़े को छुआ, बलिया लोकसभा क्षेत्र में उलटफेर हुआ।
इस बार 51.84 फीसदी मतदान को लेकर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि इतिहास में झांकें तो यहां बदलाव नहीं होने जा रहा है। यानी भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर की जीत की उम्मीद अधिक है। वैसे यह चार जून को ही स्पष्ट हो सकेगा कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा।
बलिया लोकसभा में अब तक का मतदान प्रतिशत
देश के आजाद होने के बाद 1952 में पहले आम चुनाव में 34.34 प्रतिशत मतदान बलिया में हुआ था। उसके बाद 1957 में 46.33, 1962 में 51.50, 1967 में 50.69, 1971 में 45.66, 1977 में 55.93, 1980 में 52.54, 1984 में 55.09, 1989 में 50.55, 1991 में 47.49, 1996 में 42.47, 1998 में 49.89, 1999 में 47.11, 2004 में 43.33, 2009 में 37.35, 2014 में 55 और 2019 में 53.51 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बलिया के अब तक के सांसद
1952 – मुरली मनोहर (निर्दलीय)
1957 – राधामोहन सिंह (कांग्रेस)
1962 – मुरली मनोहर (कांग्रेस)
1967 – चंद्रिका प्रसाद (कांग्रेस)
1971 – चंद्रिका प्रसाद (कांग्रेस)
1977 – चन्द्रशेखर (जनता पार्टी)
1980 – चन्द्रशेखर (जनता पार्टी)
1984 – जगन्नाथ चौधरी (कांग्रेस)
1989 – चन्द्रशेखर (जनता दल)
1991 – चन्द्रशेखर (सजपा रा)
1996 – चन्द्रशेखर (सजपा रा)
1998 – चन्द्रशेखर (सजपा रा)
1999 – चन्द्रशेखर (सजपा रा)
2004 – चन्द्रशेखर (सजपा रा)
2007 – नीरज शेखर (सपा)
2009 – नीरज शेखर (सपा)
2014 – भरत सिंह (भाजपा)
2019 – वीरेन्द्र सिंह मस्त (भाजपा