शीलेंद्र चौहान के नेतृत्व में मेरठ में हुआ था शिलाओं का पूजन
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला के विग्रह की 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राममंदिर आंदोलन में महती भूमिका निभाने वाले रामभक्त गदगद हैं। आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले विहिप नेता शीलेंद्र चौहान शास्त्री ने मेरठ जिले में गांव-गांव जाकर शिलाओं का पूजन कराया था।
विश्व हिन्दू परिषद के मेरठ प्रांत के प्रचार प्रमुख रहे ठाकुर शीलेंद्र चौहान शास्त्री ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे बताते हैं कि अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर के निर्माण से उन्हें पूरे जीवन का पुण्य मिल गया है। अयोध्या में पूजित अक्षत वितरण करने जब कार्यकर्ता उनके घर आए तो उन्होंने दौड़कर उनका स्वागत किया। उस समय चारों ओर जय श्रीराम का उद्घोष होने लगा। ये कार्यकर्ता हाथ में पर्ची, झंडा लिए हुए थे तो शीलेंद्र चौहान के मस्तिष्क में 1988-89 का श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का सारा परिदृश्य चलचित्र की भांति घूम गया। उस समय मेरठ जिले में होने वाले सभी कार्यक्रमों में शीलेंद्र और उनके साथी अग्रणी रहते थे। शीलेंद्र चौहान शास्त्री के अनुसार, उस समय जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि संगठनों के कार्यकर्ता मिलकर भाग लेते थे।
शीलेंद्र चौहान की अगुवाई में अयोध्या से आई शिलाओं का पूजन अभियान चलाया गया। उन्होंने पल्हैड़ा, दुल्हैड़ा चौहान, डोरली, पाबली खास आदि गांवों में शिलाओं का पूजन कराया। इसके बाद अनुष्ठान करके रामज्योति आई थी। उसके सफल आयोजन कराए। जिले के गांवों में राम ज्योति को निकलवाया गया था जिसे पूरे सनातन समाज का समर्थन मिला। जब रामसेतु को लेकर आंदोलन चला तो रामसेतु की शिला का पूरे दौराला ब्लॉक में भ्रमण कराया। रथ के ऊपर रखी रामसेतु की जल में तैरती शिला का व्यापक असर जनता के बीच हुआ था। इस आंदोलन में उनके साथ प्रेमपाल सिंह चौहान, डॉ. ओपी तोमर, कुंवर भूचाल चौहान आदि का सहयोग रहा।



