रायगढ़ में थमे ट्रकों के पहिए़, हिट-एंड-रन कानून के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल
लोकसभा में हिट एंड रन सड़क दुर्घटना मामले को लेकर सख्त और नया रोड एक्सीडेंट कानून पास हो गया है। लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालकों ने सोमवार एक जनवरी से हड़ताल शुरू कर दी है। जिसका असर छत्तीसगढ समेत रायगढ़ में भी देखने को मिला। एक जनवरी सुबह से ही ट्रकों के पहिए थम गए और ट्रांसपोर्ट नगर में सड़क के दोनों ओर ट्रकों की कतारें लग गई। हालांकि माइनिंग विभाग से पेपर नहीं निकाले जाने की वजह से 31 दिसंबर को भी कई ट्रकें खड़ी नज़र आईं। इस हड़ताल से एक तरफ जहां ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है तो वहीं दूसरी ओर दैनिक जरूरतों के आवक में रुकावट की वजह से उनके दामों में भी इजाफा हो सकता है।
क्या है हिट एंड रन कानून: भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी चालक पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। एक जनवरी से तीन जनवरी तक देशव्यापी हड़ताल का असर रायगढ़ में देखने को मिला, जहां सैकड़ों की संख्या में ट्रकों के पहिये थम गए हैं। चालक यूनियन का कहना है किं जो बिल संसद में पास हुआ है उसमे संशोधन किया जाय , सरकार अगर उनकी बात नहीं मानती है तो आगे चलकर वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किया विरोध: हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन ने चक्काजाम का आह्वान किया। इसके बाद से देशभर में हड़ताल शुरू हो गई है। एआईएमटीसी का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है, तो बिना किसी जांच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है। यह नहीं देखा जाता कि गलती बड़े वाहन चालक की है या छोटे वाहन चालक की। जब भी कोई दुर्घटना होती है तो चालक बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि, बेकाबू होती भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है।
ट्रकों की हड़ताल से जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे
इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।भारत में 28 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।




