परफार्मेन्स ग्रांट : 1384 कार्य लंबित, सिर्फ 905 ही पूर्ण
परफॉर्मेंस ग्रांट के 32 गांव के स्वीकृत 2289 कार्यों में से सिर्फ 905 कार्य ही पूर्ण हुए हैं। लापरवाही का आलम यह है कि चार गाँवों ने अभी टेंडर प्रक्रिया को ही पूर्ण नहीं किया है। शायद इन ग्राम प्रधानों की विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं है। इसको गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायतीराज अधिकारी (डीपीआरओ) ने फटकार लगायी है।
इधर, एडीपीआरओ आशुतोष कुमार का कहना है कि पिछले दिनों परफारमेंस ग्रांट गांव में चल रहे कार्यों की समीक्षा की गयी थी। प्रधानों व ग्राम सचिवों को लंबित कार्यों को अविलम्ब पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। चार ग्रामसभाओं में लापरवाही देखने को मिली है। इन्हें फटकार लगायी गयी है और शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर विकास कार्यों को गति देने के निर्देश दिये गये हैं। यह जिम्मेदारी सम्बन्धित ग्राम प्रधान और सचिव की संयुक्त रूप से तय की गयी है। बता दें परफ़ार्मेन्स ग्रामसभाओं में विकास कार्य से जुड़े कार्यों को लगभग एक वर्ष ही शुरू किया गया था।
32 गाँवों में चल रहा कार्य
गोरखपुर जनपद के 32 गांव के परफॉर्मेंस ग्रांट के 02 हजार 289 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से 905 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि लंबित 1384 कार्यों पर अभी कार्य चल रहा है। अधिकांश परफॉर्मेंस ग्रांट गाँवों में कार्यों का टेंडर निकाला जा चुका है। एडीपीआरओ आशुतोष की मानें तो विभाग के पास पर्याप्त धन पड़ा है। पैसे की कोई कमी नहीं है।
परफॉर्मेंस ग्रांट के गाँवों को ऐसे मिलता है धन
परफॉर्मेंस ग्रांट के गांव के चौमुखी विकास करने के लिए पहली किस्त के रूप में 50 प्रतिशत सृजित कार्य में लागत के अनुरूप दिया जाता है। 70 प्रतिशत धन का भुगतान कार्य पूर्ण होने पर होता है। दूसरी किस्त के रूप में यह धन (40 प्रतिशत) ग्रामसभा में खाते में भेजा जाता है और कार्य पूर्ण होने के बाद ही शेष 10 प्रतिशत धनराशि का भुगतान होता है।




