ग्राम सभा में नहीं शामिल हुए पंकज महतो, ग्रामीणों ने नहीं दिखाया कोई साक्ष्य

रामगढ़ अंचल का कुंदरू खुर्द गांव काफी सुर्खियों में है। वजह यह है कि यहां पर 17.18 एकड़ भूमि की जमाबंदी कायम करने का आदेश रामगढ़ की पूर्व डीसी माधवी मिश्रा ने दिया था। लेकिन जब साक्ष्य के साथ अपनी बात रखने के लिए ग्राम सभा की गई तो ना तो पंकज महतो नजर आए और ना ही ग्रामीणों ने कोई दस्तावेज प्रस्तुत किया।
डीसी कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ रामगढ़ के समाजसेवी पंकज महतो ने डीसी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनके आदेश को चुनौती दी थी। इसके बाद कुंदरू खुर्द गांव काफी चर्चा में आ गया था। पंकज महतो का कहना यह था कि जिस 17.18 एकड़ भूमि की जमाबंदी कायम की गई है और जिसकी बिक्री की गई है वह गलत तरीके से हुई है । वह जमीन राधा कृष्ण मठ के नाम पर थी। लेकिन अधिकारियों ने मठ का नाम हटाकर उसे एक आम नागरिक की भूमि बता दिया और उसकी बिक्री भी हो गई।
इस मामले में पंकज महतो की शिकायत के आधार पर जांच प्रक्रिया शुरू हुई । अब इस पूरे मामले को हजारीबाग कमिश्नर खुद देख रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कुंदरु खुर्द गांव में आम सभा कराई। लेकिन उस सभा में पंकज महतो खुद शामिल नहीं हुए। वह उस गांव में तब पहुंचे जब ग्राम सभा समाप्त हो चुकी थी।
फिलहाल यह मामला रामगढ़ जिले में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना यह है कि अधिकारी और समाजसेवी की लड़ाई में जीत किसकी होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मुद्दा मौखिक नहीं, बल्कि दस्तावेजों से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों के द्वारा सही दस्तावेज और साक्ष्य कमिश्नर के कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किए गए तो यह पूरा मामला उल्टा पड़ जाएगा। इस मामले में हाई कोर्ट ने भी सरकार से जवाब तलब किया है।
