• January 1, 2026

झमाझम बारिश के बाद भी नहीं भरा गंगरेल बांध, माड़मसिल्ली सूखा

 झमाझम बारिश के बाद भी नहीं भरा गंगरेल बांध, माड़मसिल्ली सूखा

गंगरेल, सोंढूर और माड़मसिल्ली बांधों के कैचमेंट एरिया के लिए इस साल का मानसून ज्यादा मेहरबान नहीं रहा और अब भी आधा-अधूरा जल संग्रहण ही जलाशयों में हो पाया है। मैदानी क्षेत्रों में जमकर बादल बरस रहे हैं।

इस वर्ष मानसून देर से आया, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में बारिश की शुरूआत हुई और अब भी कहीं-कहीं बादल बरस ही रहे हैं। जिले में 399 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है, जो पिछले साल की अपेक्षा अधिक है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों पर ही ज्यादा मेहरबान है। जिले के अंतर्गत आने वाले तीनों प्रमुख जलाशय गंगरेल, माड़मसिल्ली और सोंढूर बांध अभी भी तृप्त नहीं हुआ है। इन जलाशयों में पानी भरने का मुख्य स्रोत पहाड़ी क्षेत्र है, जहां हर बार जमकर बादल बरसते हैं, लेकिन इस बार अच्छी बारिश नहीं होने के कारण जलभराव की स्थिति संतोषजनक नहीं है। गंगरेल बांध की स्थिति पर गौर करें, तो 32 टीएमसी क्षमता वाले इस जलाशय में अभी 20 टीएमसी पानी ही संग्रहित हो पाया है, जो इसकी क्षमता से आधे से अधिक यानि 55 प्रतिशत ही है। वर्तमान में इस बांध में कैचमेंट एरिया से 3796 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। जबकि 18 जुलाई 2022 में इस बांध में 27 टीएमसी से अधिक जलभराव हो चुका था।

माड़मसिल्ली जलाशय में वर्तमान में मात्र 0.34 टीएमसी पानी संग्रहित हुआ है, जबकि इस बांध की जलभराव क्षमता 9.74 टीएमसी है। सोंढूर बांध में 4.432 टीएमसी जलभराव हुआ है। वहीं दुधावा बांध में 6.83 टीएमसी संग्रहित हुआ है। सभी जलाशयों में आंशिक रूप से पानी की आवक बनी हुई है। कुल मिलाकर बांधों की जलभराव स्थिति से स्पष्ट है कि कैचमेंट एरिया अर्थात पहाड़ी क्षेत्रों में इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है। दुधावा, गंगरेल बांधों में अधिकांश पानी पड़ोसी जिला कांकेर के पहाड़ी इलाके से होता है। इस जिले में धमतरी की अपेक्षा बारिश कम हुई है इस वजह से आवक कम हो रही है और बांधों को भरने में समय लग रहा है।अच्छी बारिश के चलते रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत विभिन्न जिलों के सैलानी गंगरेल बांध घूमने पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां की स्थिति से वे थोड़े मायूस हो रहे हैं। गंगरेल बांध के रेडियल गेट तो खुलने से तो रहे। कैंचमेंट एरिया में भी जलभराव कम ही है इसलिए सैलानियों को संतुष्टि नहीं मिल पा रही है। लोग आश्चर्य जताते हैं कि प्रदेश में अच्छी बारिश के बाद भी बांधों के गले क्यों सूखे हैं।

जिले में 399.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज

जिले में चालू मानसून के दौरान एक जून से अब तक 399.4 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में आज 18.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इसमें धमतरी तहसील में 25.2 मिलीमीटर, कुरूद तहसील में 25, मगरलोड में 27.2, नगरी में 9.1, भखारा में 11, कुकरेल में 20 और बेलरगांव में 9.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।

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