नई शिक्षा नीति आने वाले समय में देंगे सुखद परिणाम : बृजेश पाठक
नई शिक्षा नीति को लेकर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय शिक्षाविदों के महाकुम्भ को संबोधित करते हुए उप्र के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा नई शिक्षा नीति आने वाले समय में सुखद परिणाम देंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की प्रगति को लेकर राज्यपाल के निवेदन पर जो कार्यक्रम आज विश्वविद्यालय में आयोजित गया है, यह बहुत ही अच्छा है। पूरे देश भर के प्रोफेसर शिक्षक गण एक स्थान एवं मंच पर एकत्र होकर हर विषयों पर गहन चिंतन कर रहें हैं। इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।
शिक्षाविदों का समागम देगा सकारात्मक परिणाम
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ग्रेडिंग में उप्र के कई शिक्षण संस्थान सफलता पाने में काम हुए हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस ओर बहुत गंभीरता से काम कर रही हैं, जो कि पहले कभी नहीं हुआ। युवा साथी किस तरह से अच्छी शिक्षा को ग्रहण कर खुद को एक बेहतर नागरिक बना सकें, अब इस पर चिंतन किया जा रहा है। हम एक मंच पर आकर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह समागम एक बहुत अच्छा परिणाम देगा।
परिवर्तन करने से शिक्षा के स्तर में आएगा सुधार : योगेश सिंह
शिक्षाविदों के समागम कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने कहा कि सेमेस्टर परीक्षाओं के होने से शिक्षा में काफी बड़ा बदलाव हुआ है। जब भी कोई नया परिवर्तन किया जाता है तो लोगों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बदलाव तभी किया जाता है, जब कुछ अच्छा होना होता है। हम बदलाव करेंगे तभी शिक्षा का स्तर बढ़ा सकते हैं।
बेहतर कल के लिए जागरूकता जरूरी
योगेश सिंह ने कहा कि जब कोई नई चीज लागू हो और उसे करना पड़े तो वह थोड़ा सा दुख देती है लेकिन कुछ समय बाद जब हम उसे सीख लेते हैं तो उसी में ही हमें मजा आने लगता है। शिक्षकों को थोड़ा सा जागरूक होना पड़ेगा, क्योंकि बेहतर बनने के लिए हमें आधुनिक युग की तरफ जाना है। शिक्षकों की कमी पहले भी थी। क्लासरूम पहले भी गड़बड़ थे। हमको इसमें ही बेहतर करके दिखाना होगा।
संसाधनों का सही समय पर प्रयोग करें
योगेश सिंह ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय के पास संसाधन है लेकिन उन्हें कब और किस समय पर प्रयोग करना है, यह किसी को नहीं मालूम या फिर वह वहां तक सोचते नहीं है। हमें अपने संसाधनों का प्रयोग कब करना है और कहां करना है। इसका चयन करना बहुत जरूरी है। इसका फायदा बच्चों को मिलना चाहिए, तभी वह आगे बढ़ पाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से है नई उम्मीद
प्रो. योगेश सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति सत्र के दौरान कहा कि इस पॉलिसी से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। हमें अपनी क्वालिटी मैनपावर को मजबूत बनाना है। उसे कैसे बढ़ाना है, यह हमको अपने स्तर से सोचना पड़ेगा। समझ को विकसित करना ही शिक्षा है। अब स्किल पर बात करनी शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को भी अपने को नई तरह से बदलना है। यह तो सभी लोग चाहते हैं कि हमारा बच्चा खुश रहे लेकिन जब घर में मां बाप खुश नहीं, स्कूल में टीचर खुश नहीं, जब बच्चा किसी को खुश नहीं देखता तो वह कैसे खुश रहे। इसलिए पहले हमको खुश रहना पड़ेगा। फिर बच्चे खुश होंगे। इस पर विचार करने की बहुत जरूरत है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल समेत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए।





