04 से 26 सितम्बर तक दो चरणों में संचालित होगा जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा: सिविल सर्जन
समुदाय स्तर पर जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता, परिवार नियोजन से संबंधित सेवाओं की जानकारी व योग्य दंपतियों को इच्छानुसार संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 04 से 26 सितम्बर तक जनसंख्या स्थिरिकरण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता को लेकर संबंधित अन्य विभागों से जरूरी मदद ली जायेगी। आमजनों को परिवार नियोजन सेवाओं के इस्तेमाल के लिये प्रेरित करने में संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी व विकास मित्रों का सहयोग लिया जायेगा।
शुक्रवार को सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि 04 से 10 सितम्बर तक दंपति संपर्क व 11 से 26 सितम्बर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान परिवार नियोजन के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे कॉपर टी, गर्भ निरोधक सुई, बंध्याकरण व नसबंदी के साथ गर्भ निरोधक गोलियों व अन्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित कराने में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्था सहित संबंधित सरकारी विभागों से अपेक्षित सहयोग की अपील सिविल सर्जन ने की है।
सिविल सर्जन ने बताया कि परिवार नियोजन संबंधित सेवाएं व्यक्ति और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इसी लिए बारी-बारी से सभी मुखिया एवं सरपंचों को प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचायी जा सके। ताकि कम बच्चों पर व्यक्ति उनका अच्छे से पालन-पोषण कर सकेगा जो आगे अच्छे नागरिक बनेंगे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा० मुनाजिम ने बताया कि अभियान का उद्देश्य हम दो हमारे दो के लक्ष्य को हासिल करना है। इस दौरान आम लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरत, सही उम्र में शादी का महत्व, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर, छोटे परिवार का लाभ, मां व शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये गर्भनिरोधक उपाय अपनाने को लेकर जरूरी परामर्श के प्रति जागरूक किया जाना है। साथ ही सुलभता पूर्वक लोगों को इससे जुड़ी सेवाएं उपलब्ध करानी है।
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी संसाधन से जुड़ी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, इन उपायों को अपनाने पर लाभुक को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिये लाभुक को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 व उत्प्रेरक को 300 रुपये देने का प्रावधान है। इसी तरह प्रसव के उपरांत बंध्याकरण के लाभार्थी को 3000 रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये दिये जाते हैं। प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150, गर्भपात के उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150 रुपये व गर्भनिरोधक सुई लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये व उत्प्रेरक को 100 रुपये बतौर सहायता राशि दी जाती है।