क्यों वापस लिए जा रहे 2000 के नोट, RBI ने जारी किया FAQ
RBI ने 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया है। इसके तहत 23 मई से 30 सितंबर 2023 के दौरान 2000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा या बदला जा सकता है। नोटों को बदलने को लेकर लोगों को समस्या न हो, इसके लिए आरबीआई ने एक FAQ जारी किया गया है। इसमें सभी संभावित सवालों के जवाब दिए गए हैं। और हम इस फैसले से जुड़े कुछ प्रमुख सवाल व उनके जवाब आपको बताने जा रहे हैं।
तो बात करते हैं कि आखिर ये नोट वापस लिए क्यों जा रहे है?
आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे।
यह मुख्य रूप से 500 और 1000 रुपये को वापस लिए जाने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा करने के उद्देश्य से जारी किए गए थे।
2000 रुपये के अधिकतर नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और यह 4-5 वर्ष के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं।
यह भी देखा गया कि इन नोटों को आमतौर पर लेनदेन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। साथ ही लोगों की आवश्यकता के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का पर्याप्त स्टाक बना हुआ है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए स्वच्छ नोट नीति के तहत 2000 रुपये के नोटों को संचालन से वापस लेने का फैसला लिया गया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि स्वच्छ नोट नीति क्या है?
तो बता दे कि जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की नीति को स्वच्छ नोट नीति कहा जाता है।
साथ ही बता दे कि नोट बदलने के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है।
अब आप सोच रहे होंगे कि स्वच्छ नोट नीति क्या है?
तो बता दे कि जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की नीति को स्वच्छ नोट नीति कहा जाता है।
साथ ही बता दे कि नोट बदलने के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है।
अब सवाल आता हैं कि यदि कोई तुरंत नोट बदल या जमा नहीं कर सकता तो क्या होगा?
दरअसल पूरी प्रक्रिया को सुचारु और सुविधाजनक बनाने के लिए 2000 रुपये के नोटों को जमा करने या बदलने के लिए चार महीने का समय दिया गया है। इसलिए लोग तय समय के अंदर अपने नोट खाते में जमा कर दें या बदल लें।
और अगर बैंक नोटों को बदलने या जमा करने से मना करे तो सबसे पहले संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कराएं।
यदि 30 दिनों में बैंक शिकायत का कोई जवाब नहीं देता है या शिकायतकर्ता बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है तो आरबीआई की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आइओएस) के तहत आरबीआइ के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
और अंत में बता दे कि नोटों बदलने के लिए आपको बैंक का ग्राहक होना जरूरी नहीं है एक गैर-खाताधारक किसी भी बैंक शाखा में एक बार में 20 हजार रुपये मूल्य तक के नोटों को बदल सकता है।