समाजसेवी अविनाश सिंह राजा ने किया 108 ज्योर्तिलिंगम एवं कैलाश दर्शन मेले का किया उद्घाटन
नई दिल्ली : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 108 ज्योतिर्लिंगम एवम् कैलाश दर्शन मेले का उद्घाटन समाजसेवी अविनाश सिंह राजा ने फीता काटकर किया।
इस दौरान संस्था की रागिनी दीदी जी के द्वारा तिलक और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान धराशिला से रूपा दीदी, सोनारी के नलिन गोयल जी, ऋतु बसंत जी, प्रतिपाल जी, अरूण जी और भगत जी मौजूद रहे। कार्यक्रम में 108 ज्योतिलिंगम स्वरूप भगवान शिव जी की आरती कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों को रागिनी दीदी ने संबोधित कर भगवान शिव और उनके अवगुणों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया की परमात्मा शिव ज्योति विंदु के रूप में है व ज्ञान के सिंधु हैं । इनका कोई अपना शरीर नही है।
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शिव ने अपने अवगुणों को भिन्न भिन्न रूप में चढ़ाते है- ईश्वरीय नशा में रहना। नशा का अर्थ न जानने के कारण भाँग का चढ़ना, अपनी वाणि ऐसी होनी चाहिये कि किसी को चुभे नहीं, तो अज्ञानतावश धतूरा चढ़ा देते है। बेल के तीन पत्ते ,जो कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश(शंकर) के सूचक हैं।वो भी उल्टा चढ़ाते है।