• November 22, 2024

भगवान कृष्ण की नगरी में शुरू हुआ होली का हुड़दंग, जानिए मथुरा, वृन्दावन में कैसे और कितने प्रकार से मनाई जाती है Holi ?

 भगवान कृष्ण की नगरी में शुरू हुआ होली का हुड़दंग, जानिए मथुरा, वृन्दावन में कैसे और कितने प्रकार से मनाई जाती है Holi ?

इन दिनों देशभर में लोग होली की तैयारी में लग गए है। शहरों होली के बाजार सज गए है, घरो में सफाई की चमक, पकवानों की महक से सुगंधित हो उठे है। देश भर में होली का त्यौहार काफी उत्साह और हर्ष के साथ मनाया जाता है। लेकिन अब बात अगर होली की हो रही है तो , हम कृष्ण नगरी की होली का जिक्र न करें तो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। विश्व भर कृष्ण नगरी यानी मथुरा की होली मशहूर है। देश – विदेश सभी जगह से पर्यटक यहाँ की होली का हुड़दंग देखने के लिए पहुंचते है। वो इसलिए क्यों की मथुरा में होली बहुत अनोखे प्रकार से मनाई जाती है। इसके साथ साथ आपको बता दे की ब्रज में होली कई प्रकार से मनाई जाती है। आखिर ब्रज में होली कितने प्रकार से मनाई जाती है? अगर आप इसके बारे में नहीं जानते है तो इस खबर को पूरा पढ़े ….

ये भी पढ़े :- Masan Holi : रंग – गुलाल के बाद काशी में खेली जाती चिता की भस्म से होली, जानिए क्यों और कैसे हुई इस परम्परा की शुरुआत ?

मथुरा व वृन्दावन कब से होती है होली की शुरुआत ?

देश भर में होली होलिका धन के दिन से मनाई जाती है लेकिन मथुरा में ऐसा नहीं है। मथुरा में होली बहुत दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। यहां होली सिर्फ रंगों से ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह से होली खेली जाती है। जिसमें शामिल है, फूलों की होली, लड्डू की होली , लठ्ठमार होली आदि है। ब्रज मथुरा का ही एक क्षेत्र है। जहाँ पर होली बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है। यहाँ पर कई प्रकार से होली मनाते है। जिसके लिए पहले से ही उत्सवों के कैलेंडर निकाल दिए जाते है। जिसके बारे में हम आप सभी को यहाँ पर जानकारी प्रदान करने वाले है।

1. बरसाने की लड्डू होली

बरसाने के प्रसिद्ध मंदिर श्रीजी मंदिर में लड्डुओं से होली खेली जाती है। इस दौरान सभी भक्तों के ऊपर लड्डुओं को बारिश सी कर दी जाती है। उसके बाद अधिकतर भक्त उन लड्डुओं को पकड़ते है। जिसके बाद कोई उन लड्डुओं को प्रसाद तौर खा लेते है। वही कुछ भक्त उन लड्डुओं को संभाल कर रखते है।

2. बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाना की लट्ठमार होली विश्वभर में इसलिए भी प्रसिद्ध है, क्योंकि इसे खेले जाने का अंदाज निराला है। इसमें महिलाओं को हुरियारिन और पुरुषों को हुरियारे कहा जाता है. हुरियारिन लट्ठ लेकर हुरियारों को मजाकिया अंदाज में पीटती हैं। वहीं पुरुष सिर पर ढाल रखर खुद को हुरियारिनों के लट्ठ से बचाते हैं। इस दौरान गीत-संगीत का भी आयोजन होता है और कई प्रतियोगिताएं भी होती हैं।

3. वृंदावन की फूलों की होली

आपको बता दे की वृन्दावन भी मथुरा का ही एक क्षेत्र है। जहाँ पर फूलों से होली खेली जाती है। जो की विश्वप्रसिद्ध है। यहाँ पर लाखों की संख्या में लोग होली खेलने दूर दूर से आते है। फूलों की होली में सभी भक्तों के ऊपर चारों तरफ से फूलों की बरसात की जाती है। जिसके बाद लोग उन फूलों से होली खेलते है। इस प्रकार की होली उन लोगो को अधिकतर पसंद आती है। जिन लोगो को रंगों से एलर्जी जैसी समस्या हो। यह ही नहीं बल्कि आज के समय में इस प्रकार की होली देश के कई हिस्सों में मनाई जाती है।

4. बांके बिहारी मंदिर की रंगभरनी एकादशी

मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में खेली जाती है। बांके बिहारी मंदिर यहाँ का मुख्य मंदिर भी माना जाता है। यहाँ की इस होली का आयोजन रंगभरनी एकादशी के दिन होता है। इस दिन यहाँ पर लाखों की संख्या में कृष्ण भक्त होली खेलने के लिए आते है। इस दिन बांके बिहारी जी के मंदिर में रंगों से होली खेली जाती है। इस दिन को आपको हवा में रंगों की खुशबू व रंगों के बादल भी देखने को मिलेंगे।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *