बलवंत के परिवार से मिले अखिलेश, बोले-पत्नी को मिले सरकारी नौकरी और एक करोड़ का मुआवजा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कानपुर देहात के रनियां थाने में पुलिस पिटाई से मरने वाले बलवंत के घऱ लालपुर सरैंया पहुंचे। बलवंत के परिवार वालों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। साथ ही यूपी पुलिस और प्रदेश सरकार पर तीखा हमला किया। अखिलेश यादव ने बलवंत की मौत के मामले में सीबीआई और हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की। इसके अलावा अखिलेश यादव ने परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और पत्नी शालू को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार की छूट देने के कारण पुलिस हिरासत में मौतें बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि बलवंत को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला और शव पूरी रात छिपाए रखा, सपा इस मामले को सदन में उठाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस को इतनी छूट कैसे दी गई।
अखिलेश के साथ सैकड़ों सपाई गांव पहुंचे थे जिससे पूरे दिन हंगामे की स्थिति रही। बतादें कि बलवंत सिंह की पत्नी शालिनी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लेटर लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। सपा अध्यक्ष को भेजे लेटर में शालिनी ने लिखा था कि मैं बलवंत की पत्नी शालिनी आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि मेरे पति को पुलिस हिरासत में मार दिया गया। अब आप को मुझे इंसाफ दिलाने के मेरे घर आना होगा। मेरे पति की मौत के मामले में मुझे न्याय दिलाने के लिए मेरे साथ खड़े रहें।
क्या था मामला
शिवली कोतवाली क्षेत्र के सरैंया लालपुर गांव के कारोबारी चंद्रभान के साथ 6 दिसंबर को हुई लूट के मामले में पुलिस व एसओजी टीम ने गांव के सूरज सिंह व कल्लू उर्फ शिवा और दौलतपुर रूरा के अविनाश सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। सोमवार शाम चाचा गुड्डू सिंह के साथ लोडर से चोकर लेने गए सरैंया के बलवंत सिंह व खलासी राम को पुलिस ने पकड़ा था। रनियां थाने में पिटाई से बलवंत की मौत हो गई। सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजन पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पहुंचने के बाद अफसरों ने बलवंत के चाचा अंगद सिंह से तहरीर ली गई।