उत्तर प्रदेश के इस गाँव में होती है ”कुतिया महारानी” की पूजा, इसके पीछे की कहानी जानकर रह जाएंगे दंग
हमारा भारत आस्था का प्रतीक हैं. यहाँ हजारों देवी – देवताओं में लोगों की आस्था हैं, अलग – अलग जगहों पर विभिन्न देवी – देवताओं के मंदिर पाएं जाते हैं. लेकिन कुतिया का मंदिर सुनने में ही आपको हैरत में डाल देगा। लेकिन यह बात शत – प्रतिशत सच हैं. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के जिला झांसी के मऊरानीपुर तहसील हैं. यहाँ कुतिया का मंदिर हैं और गाँव भर के लोग आकर यहाँ अपना सर झुकाते है. लेकिन इसके साथ ही बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता हैं ऐसा क्यों ? आखिर इसके पीछे का सच क्या है ? तो आइए जानते हैं इसके पीछे का पूरा सच…..
ये भी पढ़े :- तालाब में घुसकर शख्स ने किया कुछ ऐसा काम, पानी से निकलकर खुद बाहर आई मछलियां, देखें वायरल वीडियो
इस बात का खुलासा करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि, कई वर्षों पहले एक कुतिया ककवारा और रेवन नाम के बीच में रहा करती थी. यह कुतिया दोनों ही गांवों में आयोजित होने वाली दावतों में खाने के पहुँच जाती थी. एक बार रेवन गांव में किसी कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कुतिया खाना खाने के लिए रेवन पहुंची। लेकिन जब तक वह पहुंची तब तक खाना ख़त्म हो गया. इसके बाद वह ककवारा गांव में भोजन की तलाश में पहुंची, लेकिन उसे भोजन नसीब नहीं हुआ ऐसे में खाना न मिलने की वजह से कुतिया की मौत हो गयी.
इस घटना से दोनों ही गाँव के लोगों को गहरा सदमा लगा. इसके बाद गाँव के बॉर्डर पर ही उस कुतिया के शव को दफन कर दिया गया. इसको कुछ समय बीतने के बाद सर्वसम्मति के साथ गाँव के बॉर्डर पर कुतिया का मंदिर बनवा दिया गया. इसके बाद इन दोनों ही गांवों की परंपरा बन गयी की गाँव में किसी भी आयोजन में बनने वाले खाने को सबसे पहले कुतिया माता को चढ़ाया जाता हैं.इसके बाद ही किसी और को दिया जाता है.