योगी सरकार का डिजिटल एजुकेशन पुश: सभी माध्यमिक स्कूलों में DIKSHA, SWAYAM जैसे पोर्टल का अनिवार्य उपयोग
लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को तेज करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे राजकीय, एडेड और स्ववित्तपोषित माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को केंद्र व राज्य सरकार के प्रमुख शैक्षिक पोर्टल एवं मोबाइल ऐप का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित करें।निर्देश में कहा गया है कि कई जिलों में शिक्षक और प्रधानाचार्य या तो इन पोर्टल्स की पूरी जानकारी से वंचित हैं या इनका प्रभावी उपयोग नहीं कर रहे, जिससे गुणवत्तापूर्ण अध्यापन प्रभावित हो रहा है।
एक क्लिक में सभी पोर्टल: trackshiksha.in को बनाया हब
सरकार ने https://trackshiksha.in को सभी शैक्षिक पोर्टल्स का सिंगल डैशबोर्ड बनाया है। शिक्षक और छात्र “Useful apps/portals for Teachers/Students” सेक्शन में क्लिक कर सभी प्रमुख पोर्टल व ऐप एक ही जगह से डाउनलोड कर सकेंगे।अनिवार्य किए गए प्रमुख पोर्टल और ऐप
- DIKSHA – https://diksha.gov.in (राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षण मंच)
- E-Pathshala – https://epathshala.nic.in (NCERT की ई-बुक्स और कंटेंट)
- SWAYAM – https://swayam.gov.in (मुफ्त ऑनलाइन कोर्स)
- NDLI – https://ndl.iitkgp.ac.in (नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया)
- NROER – https://nroer.gov.in (राष्ट्रीय शैक्षिक संसाधन रिपॉजिटरी)
- JIGYASA – https://jigyasa-csir.in (विज्ञान शिक्षा कार्यक्रम)
- NCERT BOOKS – https://ncert.nic.in/textbook.php (सभी कक्षाओं की मुफ्त पाठ्यपुस्तकें)
- STEM Academy (मोबाइल ऐप) – Google Play Store
- Lotus Learning (मोबाइल ऐप) – Google Play Store
DIOS को दिए गए सख्त निर्देश
- सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के व्हाट्सएप ग्रुप और ई-मेल पर तत्काल डैशबोर्ड लिंक साझा करें।
- छात्र-छात्राओं को इन पोर्टल्स पर उपलब्ध मुफ्त शिक्षण सामग्री (वीडियो, ई-बुक्स, क्विज आदि) का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें।
- सभी पोर्टल्स की जानकारी विद्यालय के नोटिस बोर्ड और स्टाफ रूम में चस्पा की जाए।
- प्रत्येक स्कूल में कम से कम एक “डिजिटल लर्निंग कॉर्नर” बनाया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित DIOS और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।शिक्षा विभाग का मानना है कि इन पोर्टल्स के नियमित उपयोग से न केवल शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी राष्ट्रीय स्तर के संसाधनों से जुड़ सकेंगे। विभाग जल्द ही इन पोर्टल्स के उपयोग की मॉनिटरिंग भी शुरू करने जा रहा है।