अमेरिका का गेम क्या है! इजरायल के हमले में हाथ नहीं, पर उसको आंच भी नहीं आने देंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि शुक्रवार को सुबह ही इजरायल ने ईरान पर जो हमले किए हैं, उसमें अमेरिका का कोई रोल नहीं हैं। लेकिन फॉक्स न्यूज से बातचीत में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें पहले ही इजरायल के हमले की जानकारी हो गई थी। उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि इजरायल ऐसा कुछ करने जा रहा है। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया कि इजरायल के हमले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ लगे हाथों यह भी कह दिया कि यदि ईरान ने इजरायल पर हमले का प्रयास किया तो जवाब दिया जाएगा। अमेरिका ने साफ कहा कि ईरान की ओर से किसी हमले के जवाब में अमेरिका का चुप नहीं बैठेगा और इजरायल को डिफेंस करेगा।
इस तरह डोनाल्ड ट्रंप के बयान से साफ दिखता है कि अमेरिका डबल गेम खेल रहा है। एक तरफ ईरान पर इजरायल की ओर से हमले का विरोध नहीं किया तो वहीं उसी अटैक के बहाने दबाव भी बना दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि ईरान के पास परमाणु बम हो। इसलिए हम चाहते हैं कि ईरान बातचीत के लिए टेबल पर आए। इजरायल ने शुक्रवार को तड़के 3 बजे ही ईरान पर हमले बोल दिए और कुल 100 ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल दागी। इजरायल के हमलों में ईरान के परमाणु ठिकाने नातांज को भी निशाना बनाया गया है।
ईरान की मीडिया के अनुसार इजरायल के हमलों में उसके मिलिट्री चीफ और एलीट फोर्स कही जाने वाली ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड के लीडर हुसैन सलामी भी मारे गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इस दोहरे रुख को लेकर जानकारों का कहना है कि वह शायद इजरायल के हमले के जरिए ईरान पर दबाव बनाना चाहते हैं कि वह परमाणु हथियारों को लेकर वार्ता में शामिल हो। दरअसल इराक, बहरीन समेत तीन मध्य पूर्व के देशों से अमेरिका ने पहले ही अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था। तब से ही कयास लग रहे थे कि शायद इजरायल की ओर से ईरान पर हमला बोला जा सकता है और ऐसी स्थिति में अमेरिका अपने राजनयिकों की सुरक्षा के लिए ऐसा कदम उठा रहा है।