• December 25, 2025

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पश्चिम बंगाल: खराब मौसम के कारण पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया, कोलकाता एयरपोर्ट से वर्चुअली गरजे प्रधानमंत्री; ‘जंगलराज’ और ‘टीएमसी कुशासन’ पर साधा निशाना

कोलकाता/तहेरपुर: पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा में प्रकृति ने विघ्न डाल दिया। घने कोहरे और बेहद कम दृश्यता (Low Visibility) के कारण प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर तहेरपुर हेलीपैड पर लैंड नहीं कर सका। सुरक्षा मानकों और तकनीकी चुनौतियों को देखते हुए पायलट ने हेलीकॉप्टर को वापस कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतारने का फैसला किया। हालांकि, इस भौगोलिक बाधा के बावजूद प्रधानमंत्री ने बंगाल की जनता से अपना संपर्क टूटने नहीं दिया और कोलकाता एयरपोर्ट से ही जनसभा को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।

तहेरपुर में कोहरे का पहरा और अचानक बदला कार्यक्रम

शनिवार की सुबह से ही दक्षिण बंगाल के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी अपनी तय विकास परियोजनाओं की सौगात देने के लिए तहेरपुर पहुंचने वाले थे। अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर तय समय पर तहेरपुर के आसमान में पहुंच गया था, लेकिन लैंडिंग स्थल पर दृश्यता इतनी कम थी कि हेलीपैड दिखाई नहीं दे रहा था। सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर काफी देर तक आसमान में मंडराता रहा, लेकिन जब मौसम में सुधार की कोई संभावना नहीं दिखी, तो उसे वापस कोलकाता लौटने का निर्देश दिया गया।

वर्चुअल संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने बंगाल की जनता से सीधे न पहुंच पाने के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह शारीरिक रूप से वहां उपस्थित होना चाहते थे, लेकिन प्रकृति के फैसले के आगे कोई नहीं चल सकता। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज और बंगाल के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आएगी।

बंकिम चंद्र को नमन और ‘वंदे मातरम’ का नया उद्घोष

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाल के महान सपूत और साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि बंगाल की भूमि क्रांतिकारियों और विचारकों की भूमि रही है। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित ‘वंदे मातरम’ का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष का मंत्र था।

पीएम मोदी ने कहा कि आज समय की मांग है कि हम ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्र निर्माण का मंत्र बनाएं। उन्होंने आह्वान किया कि जिस भावना के साथ हमारे पूर्वजों ने देश को गुलामी से मुक्त कराया था, उसी भावना के साथ हमें अब भारत को विकसित बनाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने बंगाल के लोगों से अपील की कि वे राज्य की गरिमा को पुनः स्थापित करने के लिए आगे आएं।

बंगाल को ‘जंगलराज’ से मुक्त करने का आह्वान

राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बंगाल की वर्तमान स्थिति की तुलना ‘जंगलराज’ से करते हुए कहा कि राज्य को इस माहौल से मुक्त होना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर नागरिक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, लेकिन बंगाल में विकास की गति को जानबूझकर रोका जा रहा है।

जीएसटी (GST) का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कर व्यवस्था ने पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश के लोगों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने विशेष रूप से दुर्गा पूजा और अन्य त्योहारों का उल्लेख करते हुए कहा कि जीएसटी के कारण मध्यम वर्ग और व्यापारियों को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि गंगा नदी बिहार से होकर बंगाल तक आती है, जो दोनों राज्यों के सांस्कृतिक और भौगोलिक जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की जनता ने परिवर्तन का रास्ता चुना है और अब बंगाल को भी उसी दिशा में आगे बढ़ना होगा।

‘डबल इंजन सरकार’ की जरूरत और विकास में अड़चनें

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘डबल इंजन सरकार’ के महत्व को एक बार फिर रेखांकित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं केवल इसलिए लंबित हैं क्योंकि राज्य सरकार उनमें सहयोग नहीं कर रही है। पीएम मोदी ने कहा, “अगर टीएमसी को भाजपा का विरोध करना है, तो वे राजनीतिक मैदान में करें, लेकिन विकास की योजनाओं को रोककर राज्य की जनता को सजा देना समझ से बाहर है।”

उन्होंने जनता से अपील की कि वे भारतीय जनता पार्टी को एक बार सेवा का मौका दें। उन्होंने वादा किया कि यदि बंगाल में भाजपा की सरकार बनती है, तो केंद्र और राज्य मिलकर बंगाल को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि वह पूरे दिल से बंगाल के लोगों के लिए समर्पित हैं और राज्य के विकास के लिए न तो फंड की कमी होने दी जाएगी और न ही नीतियों की।

बंगाल के लिए 3,200 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं

इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए करीब 3,200 करोड़ रुपये की दो बड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

  1. बरजागुली-कृष्णानगर फोर-लेन: प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के अंतर्गत नदिया जिले में बरजागुली से कृष्णानगर तक के 66.7 किलोमीटर लंबे फोर-लेन सेक्शन का उद्घाटन किया।

  2. बारासात-बरजागुली फोर-लेन: उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले में 17.6 किलोमीटर लंबे बारासात-बरजागुली सेक्शन के फोर-लेन का शिलान्यास किया।

अधिकारियों के मुताबिक, इन परियोजनाओं का रणनीतिक महत्व बहुत अधिक है। यह कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी लिंक के रूप में कार्य करेगा। इससे राज्य के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों के बीच यात्रा का समय कम होगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को जबरदस्त बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

एसआईआर (SIR) विवाद और चुनावी सरगर्मी

प्रधानमंत्री का यह दौरा एक ऐसे समय में हुआ है जब बंगाल की राजनीति ‘एसआईआर’ (SIR – विशेष मतदाता सूची समीक्षा) की प्रक्रिया को लेकर उबली हुई है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी इस प्रक्रिया का कड़ा विरोध कर रही है। टीएमसी का आरोप है कि केंद्र के दबाव में यह प्रक्रिया बहुत जल्दबाजी में की जा रही है, जिसका उद्देश्य बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर शरणार्थी हिंदुओं को उनके मताधिकार से वंचित करना है।

एसआईआर के मौजूदा ड्राफ्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से करीब 58 लाख से ज्यादा नामों को हटाया गया है, जिसके बाद राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.08 करोड़ रह गई है। पीएम मोदी ने इस पर सीधे टिप्पणी न करते हुए भी शुक्रवार रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि बंगाल की जनता टीएमसी के कुशासन, लूट और धमकियों से पीड़ित है और उन्हें भाजपा से बड़ी उम्मीदें हैं।

निष्कर्ष: बंगाल के भविष्य का संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी के इस वर्चुअल संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में बंगाल भाजपा की शीर्ष प्राथमिकताओं में बना रहेगा। खराब मौसम के कारण भौतिक रूप से उपस्थित न हो पाने के बावजूद, उन्होंने अपनी राजनीतिक सक्रियता और विकास के एजेंडे को मजबूती से जनता के सामने रखा। अब देखना यह होगा कि 3,200 करोड़ रुपये की ये सौगातें और ‘जंगलराज’ के खिलाफ पीएम का यह तीखा प्रहार बंगाल की जनता के मन पर क्या प्रभाव डालता है।

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