• April 6, 2025

वक्फ: गोरखपुर मंडल में 2551 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा, बैनामे कर कमाया मोटा मुनाफा, छानबीन हुई तेज

गोरखपुर, 5 अप्रैल 2025: गोरखपुर मंडल में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, मंडल में 2551 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इन संपत्तियों को बैनामा (हस्तांतरण) करके वक्फ ने मोटा मुनाफा कमाया है। इस मामले में अब प्रशासन ने छानबीन तेज कर दी है और अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई शुरू करने की तैयारी चल रही है।
गोरखपुर मंडल में वक्फ संपत्तियों की स्थिति
गोरखपुर मंडल में चार जिले शामिल हैं—गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज। इन जिलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की संख्या को लेकर हाल ही में एक सर्वे किया गया। सर्वे के अनुसार, गोरखपुर जिले में ही 967 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से अधिकांश को राजस्व रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज किया गया है। मंडल में कुल 1466 वक्फ संपत्तियां 1986 के राजपत्र अधिसूचना में सूचीबद्ध थीं, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 2551 तक पहुंच गई है।
इन संपत्तियों में से कई पर अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आई हैं। गोरखपुर के सदर तहसील में सबसे ज्यादा 503 वक्फ संपत्तियां हैं, जबकि कैंपियरगंज में सबसे कम 54 संपत्तियां हैं। गोरखपुर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों जैसे मोहद्दीपुर, बक्शीपुर और मियां बाजार में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की बात सामने आई है। मियां बाजार को 18वीं शताब्दी में अवध के नवाब असफ-उद-दौला ने वक्फ के लिए दान दिया था, लेकिन बाद में इसकी अधिकांश जमीन बेच दी गई। इसी तरह, डोमिनगढ़ में 39 एकड़ वक्फ की जमीन पर अब आवासीय निर्माण हो चुके हैं।
अवैध कब्जे और मुनाफाखोरी
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे का यह मामला लंबे समय से चर्चा में है। गोरखपुर मंडल में सरकारी जमीनों को वक्फ की संपत्ति के रूप में दर्ज कराकर बैनामा किया गया और इससे भारी मुनाफा कमाया गया। जमींदारी की जमीनों पर बने भवनों को भी जांच के दायरे में लाया गया है। कई मामलों में यह पाया गया कि वक्फ संपत्तियों को कम कीमत पर किराए पर देकर बाद में ऊंची कीमत पर उप-किराए पर दे दिया गया, जिससे मोटा मुनाफा कमाया गया।
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और गोपनीय तरीके से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिला प्रशासन ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें इन संपत्तियों की स्थिति और अवैध कब्जे की जानकारी दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट कृष्णा करुणेश ने कहा, “वक्फ संपत्तियों पर पूरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
वक्फ संपत्तियों पर बढ़ते विवाद
वक्फ संपत्तियों को लेकर उत्तर प्रदेश में पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं। हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद इस मुद्दे ने और तूल पकड़ा है। गोरखपुर में करीब 60 प्रतिशत वक्फ जमीन विवादों में फंसी हुई है, जिसमें छिपे हुए लेनदेन और अनधिकृत निर्माण के आरोप शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2022 में दिया था। इस दौरान यह पाया गया कि कई संपत्तियां वक्फ अधिनियम 1995 और यूपी मुस्लिम वक्फ अधिनियम 1960 का उल्लंघन करके दर्ज की गईं। इसके अलावा, 1989 के एक सरकारी आदेश के तहत उसर, बंजर और भिटा जमीनों को भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया।
कार्रवाई की तैयारी
गोरखपुर में वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। प्रशासन ने इसके लिए एक रणनीति तैयार की है, जिसमें बुलडोजर कार्रवाई भी शामिल हो सकती है। वक्फ बोर्ड और जिला प्रशासन मिलकर उन संपत्तियों की पहचान कर रहे हैं, जो अवैध रूप से कब्जे में हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग उनके मूल उद्देश्य—धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक कार्यों—के लिए ही हो।
व्यापक परिप्रेक्ष्य
वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे का यह मुद्दा केवल गोरखपुर तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड ने 57,000 से अधिक सरकारी संपत्तियों पर दावा किया है, जो एक बड़ा विवाद बन चुका है। कानपुर में हाल ही में हुए एक सर्वे में 1670 वक्फ संपत्तियां पाई गईं, जिनमें से 548 सरकारी जमीन पर हैं। इसी तरह, तमिलनाडु में 734, आंध्र प्रदेश में 152 और पंजाब में 63 संपत्तियों पर वक्फ का अवैध कब्जा होने की बात सामने आई है।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके दुरुपयोग को लेकर देश भर में सवाल उठ रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का स्वतंत्र और पारदर्शी ऑडिट होना चाहिए, ताकि इनके दुरुपयोग को रोका जा सके। साथ ही, सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो अवैध कब्जे को रोकें और संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करें।
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