वक्फ बिल न्यूज़: लोकसभा में पेश, यूपी में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द, अखिलेश यादव ने जताया विरोध
नई दिल्ली/लखनऊ, 2 अप्रैल 2025: आज लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किया गया। यह विधेयक वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए लाया गया है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार करना बताया जा रहा है। हालांकि, इस बिल को लेकर विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस विधेयक को अस्वीकार्य करार दिया है।
लोकसभा में वक्फ बिल पेश, शुरू हुई बहस
संसद के बजट सत्र के दौरान आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया गया। किरेन रिजिजू ने बिल पेश करते हुए कहा, “यह विधेयक किसी धार्मिक व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि यह संपत्ति प्रबंधन से संबंधित है। हमारा उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।” सरकार का दावा है कि इस बिल में 40 से अधिक संशोधन प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व देना शामिल है।
हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया। लोकसभा में बिल पेश होते ही विपक्षी दलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने इसे “असंवैधानिक” और “मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला” करार दिया। बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है, जो आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।
यूपी में हाई अलर्ट, पुलिस की छुट्टियां रद्द
वक्फ बिल के लोकसभा में पेश होने से पहले ही उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यूपी के डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द करने का आदेश जारी किया है और जो कर्मचारी पहले से छुट्टी पर हैं, उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और सोशल मीडिया पर अफवाहों या उकसावे वाली पोस्ट पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, खुफिया इकाइयों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है। यह कदम बिल के विरोध में संभावित प्रदर्शनों और कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। लखनऊ, कानपुर और अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

अखिलेश यादव का तीखा विरोध
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए इसे “भाजपा की साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह बिल हमें मंजूर नहीं है। भाजपा इस विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों पर पूरा कंट्रोल करना चाहती है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनना चाहती है। यह संविधान के खिलाफ है और अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश है।”
अखिलेश ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इस बिल के जरिए अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “पहले ये लोग हिंदू भाइयों को गुमराह करते थे, अब मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोकसभा में इसका पुरजोर विरोध करेंगे।” सपा ने अपने सभी सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने और बिल के खिलाफ मतदान करने के लिए तीन सूत्री व्हिप जारी किया है।
बिल के प्रमुख प्रावधान और विवाद
वक्फ संशोधन विधेयक में कई बदलाव प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को बेहतर करना, तकनीक का उपयोग बढ़ाना और विवादित संपत्तियों के निपटारे के लिए राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को अंतिम अधिकार देना शामिल है। इसके अलावा, “वक्फ बाय यूजर” खंड को हटाने का प्रस्ताव भी है, जिसके तहत लंबे समय तक धार्मिक या परोपकारी उपयोग में रही संपत्ति को बिना दस्तावेज के वक्फ घोषित किया जा सकता था।
विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये बदलाव वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कम करेंगे और केंद्र सरकार को इन संपत्तियों पर अनुचित नियंत्रण देंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी बिल का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।
राजनीतिक गतिरोध और भविष्य
वक्फ बिल को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच तनातनी साफ दिख रही है। एनडीए के सहयोगी दलों जैसे टीडीपी और जेडी(यू) ने बिल के समर्थन का संकेत दिया है, जबकि कांग्रेस, सपा, टीएमसी और अन्य विपक्षी दल इसके खिलाफ एकजुट हो गए हैं। लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत होने के कारण बिल के पारित होने की संभावना अधिक है, लेकिन राज्यसभा में इसे पास कराना सरकार के लिए चुनौती हो सकता है।
इस बीच, देशभर में बिल के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। भोपाल में कुछ संगठनों ने बिल के समर्थन में रैली निकाली, जबकि दिल्ली और यूपी के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक माहौल और गर्म होने की संभावना है।
