उप राष्ट्रपति का लखनऊ दौरा: पुस्तक विमोचन में सीएम योगी का संबोधन- ‘अवसर सबको मिलते हैं, कुछ बिखर जाते हैं, कुछ निखर जाते हैं’
लखनऊ, 1 मई 2025: भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज लखनऊ में अपने एकदिवसीय दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। यह आयोजन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के नए परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और वित्त मंत्री भूपेंद्र चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस अवसर पर सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा, “अवसर सबको मिलते हैं, कुछ लोग बिखर जाते हैं और कुछ निखर जाते हैं।” उन्होंने राज्यपाल की जीवनी को प्रेरणादायी बताते हुए इसे चुनौतियों से निखरने की मिसाल करार दिया।
उपराष्ट्रपति का लखनऊ आगमन और स्वागत
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ सुबह 10:50 बजे लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। उनके आगमन पर stateपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद, उपराष्ट्रपति सीधे AKTU के नए परिसर पहुंचे, जहां 11:30 बजे पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम शुरू हुआ। इस आयोजन ने न केवल राज्यपाल के योगदान को रेखांकित किया, बल्कि उत्तर प्रदेश के शैक्षिक और प्रशासनिक विकास में उनके प्रयासों को भी उजागर किया।
पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’: एक प्रेरणादायी जीवनी
पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन और उनके सार्वजनिक सेवा के सफर पर आधारित है। यह पुस्तक उनके गुजरात में शिक्षिका से लेकर मुख्यमंत्री और फिर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनने तक की यात्रा को दर्शाती है। इसमें उनके सामने आई चुनौतियों, उनके दृढ़ संकल्प और समाज के लिए किए गए कार्यों का वर्णन किया गया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में पुस्तक को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि यह नई पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी। उन्होंने आनंदीबेन पटेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि चुनौतियां अवसरों में बदली जा सकती हैं। उन्होंने विशेष रूप से उनके शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना की।

सीएम योगी का संबोधन: चुनौतियां और अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में पुस्तक को एक प्रेरणास्रोत बताया और कहा, “मुझे लगता है, चुनौती नहीं तो जीवन का सार बेकार। अवसर सबको मिलते हैं, कुछ लोग बिखर जाते हैं और कुछ निखर जाते हैं।” उन्होंने आनंदीबेन पटेल को उन व्यक्तियों में गिना, जो चुनौतियों का सामना करके निखरे हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह पुस्तक न केवल एक जीवनी है, बल्कि यह समाज के लिए एक दिशानिर्देश भी है, जो युवाओं को कठिनाइयों से न डरने की प्रेरणा देती है।
उन्होंने महाकुंभ 2025 का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति की हालिया भागीदारी की सराहना की और कहा कि उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और प्रेरणादायी बनाया। योगी ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा और तकनीकी विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रयास कर रही है, और AKTU इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
आनंदीबेन पटेल: एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व
आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक उनके जीवन के अनुभवों का संकलन है, जो यह दर्शाता है कि मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य और बालिका सशक्तिकरण के लिए अपने प्रयासों का उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने राज्यपाल के रूप में विश्वविद्यालयों में शैक्षिक सुधारों को बढ़ावा दिया और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के लिए ‘मिशन शक्ति’ जैसी योजनाओं को लागू किया। उनकी यह पुस्तक इन सभी प्रयासों का एक दस्तावेज है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
कार्यक्रम का महत्व
यह आयोजन न केवल एक पुस्तक विमोचन तक सीमित था, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के शैक्षिक और सामाजिक विकास में किए जा रहे प्रयासों का भी प्रतीक था। AKTU के नए परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बना दिया।
इसके अलावा, यह आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण रहा। सीएम योगी ने अपने संबोधन में महाकुंभ को सनातन धर्म का सच्चा प्रतिनिधित्व बताया और कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करता है।
लखनऊ दौरा: अन्य गतिविधियां
पुस्तक विमोचन के बाद उपराष्ट्रपति ने AKTU परिसर का दौरा किया और वहां की शैक्षिक सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के नवाचार और तकनीकी प्रगति की सराहना की। इसके बाद, उपराष्ट्रपति अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इस दौरे ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय को भी रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति का यह दौरा राज्य में शिक्षा, संस्कृति और प्रशासन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को राष्ट्रीय मंच पर लाने का एक अवसर था।
