वाराणसी से गाजियाबाद की दूरी अब 1 घंटे 35 मिनट में पूरी होगी, पहली विमान सेवा 1 मई से शुरू
14 अप्रैल, 2025, लखनऊ उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों, वाराणसी और गाजियाबाद, के बीच हवाई यात्रा को और सुगम बनाने के लिए एक नई विमान सेवा की शुरुआत होने जा रही है। 1 मई, 2025 से शुरू होने वाली इस डायरेक्ट फ्लाइट से वाराणसी से गाजियाबाद की दूरी महज 1 घंटे 35 मिनट में पूरी होगी। यह सेवा न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि दोनों शहरों के बीच व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संपर्क को भी बढ़ावा देगी।
नई विमान सेवा का शेड्यूल
एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा संचालित इस दैनिक उड़ान का शेड्यूल इस प्रकार है:
-
वाराणसी से गाजियाबाद: फ्लाइट नंबर IX-1592 सुबह 11:50 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, वाराणसी से रवाना होगी और दोपहर 1:25 बजे हिंडन हवाई अड्डे, गाजियाबाद पहुँचेगी।
-
गाजियाबाद से वाराणसी: फ्लाइट नंबर IX-1520 दोपहर 2:10 बजे हिंडन हवाई अड्डे से उड़ान भरेगी और दोपहर 3:45 बजे वाराणसी पहुँचेगी।
यह उड़ान सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को लचीलापन मिलेगा। शुरुआती किराया 3,669 रुपये से शुरू होने की उम्मीद है, जो यात्रा की तारीख और बुकिंग समय के आधार पर बदल सकता है।
वाराणसी-गाजियाबाद के बीच दूरी और यात्रा विकल्प
वाराणसी और गाजियाबाद के बीच हवाई दूरी लगभग 630 किलोमीटर है, जबकि सड़क मार्ग से यह दूरी करीब 800-840 किलोमीटर है। वर्तमान में, सड़क यात्रा (कार या बस) में 12-14 घंटे और ट्रेन से 10-12 घंटे लगते हैं। नई उड़ान सेवा इस यात्रा समय को drastically कम कर देगी, जिससे यह यात्रियों के लिए सबसे तेज़ और सुविधाजनक विकल्प बन जाएगी।
हाल ही में, वाराणसी और गाजियाबाद के बीच एक विशेष ट्रेन सेवा भी शुरू की गई थी, लेकिन हवाई यात्रा की गति और सुविधा के सामने यह नई फ्लाइट सेवा यात्रियों की पहली पसंद बनने की संभावना है।
हिंडन हवाई अड्डे का बढ़ता महत्व
गाजियाबाद का हिंडन हवाई अड्डा, जो भारतीय वायु सेना के आधार पर एक सिविल टर्मिनल के रूप में संचालित होता है, हाल के वर्षों में क्षेत्रीय संपर्क योजना (UDAN) के तहत तेजी से विकसित हुआ है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के यात्रियों के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का एक सुविधाजनक विकल्प बन रहा है। हिंडन से पहले ही कोलकाता, बेंगलुरु, गोवा और भुवनेश्वर जैसे शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो चुकी हैं, और अब वाराणसी का जुड़ना इसके महत्व को और बढ़ाएगा।
हिंडन हवाई अड्डा खासकर गाजियाबाद, नोएडा, पूर्वी दिल्ली, वैशाली, इंदिरापुरम और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों के लिए सुगम पहुँच प्रदान करता है। यह नई सेवा उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी, जो दिल्ली-NCR से वाराणसी के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों की यात्रा करना चाहते हैं।

वाराणसी: एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरता शहर
वाराणसी, जो काशी के नाम से भी जाना जाता है, न केवल भारत का आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि हाल के वर्षों में पर्यटन, व्यापार और बुनियादी ढांचे के विकास में भी तेजी से प्रगति कर रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, और रिंग रोड जैसे प्रोजेक्ट्स ने इसे एक वैश्विक पर्यटन स्थल बना दिया है। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले ही देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, और गाजियाबाद के साथ यह नई कनेक्टिविटी इसे और सुलभ बनाएगी।
यात्रियों और स्थानीय लोगों में उत्साह
नई उड़ान सेवा की घोषणा के बाद वाराणसी और गाजियाबाद के यात्रियों में उत्साह देखा जा रहा है। वाराणसी के एक व्यवसायी, अजय सिंह, ने कहा, “मुझे अक्सर गाजियाबाद और दिल्ली जाना पड़ता है। ट्रेन या सड़क यात्रा में समय और थकान दोनों होती है। यह नई फ्लाइट मेरे लिए बहुत राहत लेकर आएगी।” वहीं, गाजियाबाद की एक छात्रा, प्रिया शर्मा, ने बताया, “मैं वाराणसी में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाना चाहती थी, लेकिन लंबी यात्रा के कारण टाल रही थी। अब यह फ्लाइट शुरू होने से बहुत आसानी होगी।”
सोशल मीडिया पर भी इस खबर को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कई लोगों ने इसे उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने की दिशा में एक और उपलब्धि बताया है।
भविष्य की योजनाएँ और अपेक्षाएँ
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने संकेत दिया है कि वह भविष्य में हिंडन हवाई अड्डे से अन्य शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू कर सकता है। इसके अलावा, वाराणसी हवाई अड्डे पर बुनियादी ढांचे के विस्तार और नई सुविधाओं के साथ, यात्रियों की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है। केंद्र सरकार की UDAN योजना के तहत ऐसी और सेवाएँ शुरू होने की संभावना है, जो छोटे शहरों को बड़े महानगरों से जोड़ेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य के हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। हाल ही में जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अयोध्या में नए हवाई अड्डे की शुरुआत इस दिशा में बड़े कदम हैं। वाराणसी-गाजियाबाद उड़ान सेवा भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
