वाराणसी: फिशिंग और UPI धोखाधड़ी में 36% और 18% मामले, डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड पर ताजा अपडेट
वाराणसी, 27 अप्रैल 2025: वाराणसी में डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और हाल के आंकड़ों ने इस चिंताजनक स्थिति को उजागर किया है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में डिजिटल फ्रॉड के कुल मामलों में से 36% फिशिंग से संबंधित हैं, जबकि 18% मामले UPI धोखाधड़ी से जुड़े हैं। यह जानकारी स्थानीय पुलिस और साइबर क्राइम सेल की एक संयुक्त जांच से सामने आई है, जिसमें डिजिटल लेनदेन से संबंधित बढ़ते खतरों पर प्रकाश डाला गया है।
डिजिटल फ्रॉड की स्थिति
पिछले कुछ महीनों में वाराणसी में डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड में तेजी देखी गई है। फिशिंग, जिसमें धोखेबाज फर्जी ईमेल, मैसेज या कॉल के जरिए लोगों से उनकी निजी जानकारी जैसे बैंक खाता विवरण, OTP, या UPI पिन हासिल करते हैं, सबसे आम तरीका बन गया है। यह 36% मामलों के साथ सबसे बड़ा खतरा है। वहीं, UPI धोखाधड़ी, जिसमें फर्जी QR कोड, भ्रामक UPI हैंडल, या फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट के जरिए लोगों को ठगा जाता है, 18% मामलों में देखी गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में देशभर में डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड के 18,461 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 21,367 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। वाराणसी में भी यह ट्रेंड देखा जा रहा है, जहां स्थानीय लोग तेजी से डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन साइबर अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं।
हाल के बड़े मामले
हाल ही में वाराणसी में कई बड़े UPI फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। एक मामले में, एक स्थानीय व्यापारी को फर्जी QR कोड स्कैन करने के बाद 50,000 रुपये का नुकसान हुआ। एक अन्य घटना में, एक व्यक्ति को फर्जी UPI रिक्वेस्ट के जरिए 30,000 रुपये गंवाने पड़े, क्योंकि उसे लगा कि वह पैसे प्राप्त कर रहा है, जबकि असल में उसके खाते से पैसे डेबिट हो गए। साइबर क्राइम सेल ने बताया कि फिशिंग हमलों में अक्सर लोग फर्जी लिंक पर क्लिक कर देते हैं, जिसके बाद उनके खाते से पैसे गायब हो जाते हैं।

राष्ट्रीय संदर्भ में स्थिति
राष्ट्रीय स्तर पर भी डिजिटल फ्रॉड की स्थिति गंभीर है। NPCI के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 में UPI लेनदेन की मात्रा 19.78 बिलियन और मूल्य 24.77 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 36% की वृद्धि दर्शाता है। लेकिन इसके साथ ही फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। RBI के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में बैंकिंग सेक्टर में फ्रॉड के मामले 300% बढ़कर 36,075 तक पहुंच गए।
NPCI और RBI ने डिजिटल फ्रॉड को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। हाल ही में, NPCI ने बैंकों के साथ मिलकर एक ‘फेडरेटेड मॉडल’ की पायलट परियोजना शुरू की है, जिसमें AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कर संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा, RBI ने बैंकों के लिए विशेष “bank.in” डोमेन शुरू किया है ताकि फर्जी वेबसाइटों से होने वाले फ्रॉड को रोका जा सके।
वाराणसी में पुलिस की कार्रवाई
वाराणसी पुलिस ने डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर क्राइम सेल को सक्रिय कर दिया है। साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी UPI पिन या OTP किसी के साथ साझा न करें। पुलिस ने हाल ही में एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, जिसमें लोगों को डिजिटल लेनदेन के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
साइबर क्राइम सेल के एक अधिकारी ने बताया, “हम हर दिन 5-10 शिकायतें प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर फिशिंग और UPI फ्रॉड से संबंधित हैं। लोग अक्सर जल्दबाजी में फर्जी मैसेज या कॉल पर भरोसा कर लेते हैं, जिसके बाद उनके खाते खाली हो जाते हैं।” पुलिस ने यह भी सुझाव दिया कि अगर कोई फ्रॉड का शिकार होता है, तो उसे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करानी चाहिए और राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करना चाहिए।
कैसे बचें डिजिटल फ्रॉड से?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिन्हें अपनाकर लोग डिजिटल फ्रॉड से बच सकते हैं:
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अनजान लिंक पर क्लिक न करें: फिशिंग हमले अक्सर फर्जी लिंक के जरिए किए जाते हैं। किसी भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल को अनदेखा करें।
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UPI पिन साझा न करें: UPI पिन या OTP कभी भी किसी के साथ साझा न करें, भले ही कॉल करने वाला खुद को बैंक अधिकारी बताए।
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पेमेंट रिक्वेस्ट की जांच करें: UPI पर पेमेंट रिक्वेस्ट प्राप्त होने पर ध्यान से जांच करें कि यह डेबिट रिक्वेस्ट तो नहीं है।
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सुरक्षित ऐप्स का उपयोग करें: हमेशा विश्वसनीय UPI ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe, या Paytm का उपयोग करें और इन्हें अपडेट रखें।
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तुरंत शिकायत करें: अगर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो 24 घंटे के अंदर साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
