• April 13, 2025

वाराणसी: दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना शुरू, छह मस्जिदें और 146 मकान प्रभावित, प्रशासन ने शुरू की तैयारी

वाराणसी, 11 अप्रैल 2025: वाराणसी के प्रसिद्ध दालमंडी बाजार में सड़क चौड़ीकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना ने गति पकड़ ली है। इस परियोजना के तहत सड़क को और सुगम चौड़ा करने के लिए छह मस्जिदों सहित 146 मकानों को चिह्नित किया गया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) और नगर निगम ने इस क्षेत्र में सर्वेक्षण पूरा कर लिया है, और अब प्रभावित संपत्तियों के मालिकों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यह परियोजना काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालुओं की पहुंच को आसान बनाने और शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। हालांकि, इस परियोजना ने स्थानीय समुदायों में चर्चा और कुछ चिंताओं को भी जन्म दिया है।
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण: परियोजना का विवरण
दालमंडी बाजार, जो वाराणसी का एक प्रमुख व्यावसायिक और सांस्कृतिक केंद्र है, अपनी संकरी गलियों और भीड़भाड़ के लिए जाना जाता है। वर्तमान में इस क्षेत्र की सड़क की चौड़ाई कई जगहों पर केवल 8 फीट है, जो काशी विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए असुविधा का कारण बनती है। इस परियोजना के तहत लगभग 650 मीटर लंबी सड़क को 17 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। इससे केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि काशी विश्वनाथ धाम तक की दूरी 2.5 किलोमीटर से घटकर 1 किलोमीटर रह जाएगी।
लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना के लिए 220 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी प्रगति की समीक्षा भी की है। उनके निर्देशों के बाद प्रशासन ने सर्वेक्षण और मुआवजा प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
प्रभावित संरचनाएं: छह मस्जिदें और 146 मकान
सर्वेक्षण के दौरान प्रशासन ने पाया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए छह मस्जिदों और 146 मकानों को प्रभावित करना होगा। इनमें से कुछ मकान और दुकानें दशकों पुरानी हैं, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। मस्जिदों के प्रभावित होने की खबर ने स्थानीय समुदायों में संवेदनशील चर्चा को जन्म दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रभावित संरचनाओं के मालिकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा, और धार्मिक स्थलों के मामले में संवेदनशीलता के साथ निर्णय लिया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग की एक टीम ने हाल ही में दो दिनों में 74 मकानों की नाप-जोख पूरी की। अधिकारियों का कहना है कि कुछ जगहों पर सड़क की चौड़ाई पहले से अनुमानित 23 फीट के बजाय 6 फीट कम पाई गई, जिसके कारण अतिरिक्त निर्माण को हटाना होगा। प्रभावित मकानों में आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें कपड़ा, गहने, और खानपान से जुड़े छोटे-बड़े व्यवसाय चलते हैं।
प्रशासन की रणनीति और मुआवजा
प्रशासन ने इस परियोजना को सुचारु रूप से लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं। नगर निगम और राजस्व विभाग ने संयुक्त रूप से बंदोबस्ती नक्शों के आधार पर संपत्तियों का मिलान किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी संपत्ति गलत तरीके से प्रभावित हो। प्रभावित मकान मालिकों और दुकानदारों को मुआवजे के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इस परियोजना से किसी को अनावश्यक नुकसान हो। मुआवजे की राशि संपत्ति के मूल्य, स्थान, और उपयोग के आधार पर तय की जाएगी। धार्मिक स्थलों के मामले में स्थानीय समुदाय और संबंधित पक्षों से बातचीत के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।” प्रशासन ने यह भी कहा कि प्रभावित लोगों को वैकल्पिक जगह या पुनर्वास के विकल्प दिए जा सकते हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे शहर के विकास और यातायात सुधार के लिए जरूरी मानते हैं, जबकि अन्य अपनी संपत्तियों और आजीविका को लेकर चिंतित हैं। दालमंडी बाजार में कपड़ा व्यवसायी मोहम्मद इरफान ने कहा, “सड़क चौड़ा करना अच्छी बात है, लेकिन हमारी दुकानें और घर इस बाजार की जान हैं। अगर हमें उचित मुआवजा और वैकल्पिक जगह मिले, तो हम सहयोग करेंगे।”
एक अन्य निवासी, रमेश गुप्ता ने कहा, “काशी विश्वनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। संकरी सड़कों की वजह से रोज जाम लगता है। यह परियोजना जरूरी है, लेकिन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि छोटे दुकानदारों और गरीब परिवारों का नुकसान हो।”
मस्जिदों के प्रभावित होने की खबर ने कुछ धार्मिक संगठनों और समुदाय के नेताओं का ध्यान खींचा है। एक स्थानीय धार्मिक नेता ने कहा, “हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मस्जिदों जैसे पवित्र स्थलों को लेकर कोई भी निर्णय संवेदनशीलता और सहमति के साथ होना चाहिए। हम प्रशासन से बातचीत के लिए तैयार हैं।”
परियोजना का महत्व
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना वाराणसी के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह केवल काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंच को आसान बनाएगी, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था, पर्यटन, और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। दालमंडी बाजार में रोजाना हजारों लोग खरीदारी और व्यवसाय के लिए आते हैं, और चौड़ी सड़क से इस क्षेत्र की भीड़भाड़ कम होगी।
इसके अलावा, यह परियोजना महाकुंभ 2025 की तैयारियों का भी हिस्सा है। वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, और शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना समय की मांग है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है, और उनके नियमित दौरे और समीक्षा बैठकों ने प्रशासन को तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया है।
चुनौतियां और भविष्य
इस परियोजना को लागू करना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। धार्मिक स्थलों और पुराने मकानों को प्रभावित करने से सामुदायिक तनाव की आशंका है। इसके अलावा, मुआवजे की राशि और पुनर्वास की प्रक्रिया को लेकर असंतोष की स्थिति भी बन सकती है। प्रशासन को इन सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक काम करना होगा ताकि परियोजना सुचारु रूप से पूरी हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह वाराणसी के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यह केवल शहर की बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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