उत्तर प्रदेश मौसम अपडेट: अगले 48 घंटों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
लखनऊ, 11 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों (11 और 12 अप्रैल) के लिए प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश, गरज-चमक, तेज हवाओं और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भविष्यवाणी की है। यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय चक्रवाती हवाओं के प्रभाव के कारण होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने 50 से अधिक जिलों में बारिश की संभावना जताई है, जबकि 40 जिलों में वज्रपात और 14 जिलों में आंधी-ओलावृष्टि के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे पहले गुरुवार को भी कानपुर, लखनऊ, और अन्य शहरों में बेमौसम बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया था।
अगले 48 घंटों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अगले दो दिनों तक मौसम अस्थिर रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है। इसके साथ ही तेज हवाएं (40-60 किमी प्रति घंटा) और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका है।
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लखनऊ और आसपास: लखनऊ में शुक्रवार और शनिवार को गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कुछ स्थानों पर तेज हवाएं चल सकती हैं। तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है।
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कानपुर: कानपुर में शुक्रवार को बारिश का दौर जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने वज्रपात और तेज हवाओं की चेतावनी दी है। गुरुवार को हुई बारिश के बाद जलभराव की समस्या को देखते हुए प्रशासन को सतर्क रहने को कहा गया है।
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वाराणसी: पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर, और आजमगढ़ जैसे जिलों में शुक्रवार दोपहर से बारिश शुरू हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है।
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पश्चिमी यूपी: मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और बागपत जैसे जिलों में हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की उम्मीद है।
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अन्य क्षेत्र: बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र में भी बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है। झांसी, हमीरपुर, और बांदा में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है।
ओलावृष्टि और आंधी का अलर्ट
मौसम विभाग ने 14 जिलों—लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, बस्ती, गोंडा, झांसी, और हमीरपुर—के लिए आंधी और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तेज हवाओं (50-60 किमी प्रति घंटा) के साथ बिजली गिरने और छोटे-मोटे ओलों की आशंका है। 40 अन्य जिलों में वज्रपात की चेतावनी दी गई है, जिसके लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
जनजीवन पर प्रभाव
गुरुवार को कानपुर, लखनऊ, और अन्य शहरों में हुई बेमौसम बारिश ने पहले ही जनजीवन को प्रभावित किया था। कानपुर में साकेतनगर, गोविंदनगर, और किदवईनगर जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति देखी गई, जबकि पेड़ गिरने से यातायात बाधित हुआ। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों में भी ऐसी समस्याएं फिर से सामने आ सकती हैं।
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कृषि पर असर: बारिश और ओलावृष्टि का असर रबी फसलों, विशेष रूप से गेहूं और सरसों पर पड़ सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाएं।
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यातायात और बिजली: तेज हवाओं और बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, जैसा कि गुरुवार को कई इलाकों में देखा गया। सड़कों पर जलभराव और पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित होने की आशंका है।
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महाकुंभ की तैयारियां: वाराणसी में महाकुंभ 2025 की तैयारियां चल रही हैं, और बारिश से निर्माण कार्यों पर असर पड़ सकता है। प्रशासन को जल निकासी और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
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वज्रपात से बचाव: गरज-चमक के दौरान पेड़ों के नीचे या खुले मैदानों में खड़े होने से बचें। घर के अंदर रहें और बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें।
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यात्रा में सावधानी: बारिश और तेज हवाओं के कारण सड़कों पर फिसलन हो सकती है। ड्राइविंग करते समय सतर्क रहें और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।
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किसानों के लिए: फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए जहां संभव हो, अस्थायी कवर का उपयोग करें। कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
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आपात स्थिति: किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन या पुलिस से संपर्क करें।
प्रशासन की तैयारियां
प्रदेश प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लिया है। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क कर दी गई हैं। कानपुर में गुरुवार को जलभराव की समस्या के बाद नगर निगम ने नालों की सफाई और पंपों की व्यवस्था शुरू कर दी है। लखनऊ और वाराणसी में भी जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बारिश और आंधी से किसी तरह की जनहानि न हो। बिजली विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि आपूर्ति बाधित होने पर तुरंत मरम्मत की जा सके।
मौसम का वैज्ञानिक आधार
मौसम विभाग के अनुसार, यह बदलाव एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है, जो उत्तर-पश्चिम भारत और उत्तर प्रदेश पर प्रभाव डाल रहा है। इसके साथ ही स्थानीय चक्रवाती हवाएं और नमी की उपस्थिति बारिश और ओलावृष्टि की स्थिति को बढ़ा रही हैं। यह विक्षोभ शुक्रवार और शनिवार को सबसे अधिक सक्रिय रहेगा, जिसके बाद रविवार से मौसम में सुधार की उम्मीद है।
