• April 21, 2025

उत्तर प्रदेश: करणी सेना को जवाब देने की तैयारी, 19 अप्रैल को आगरा पहुंचेंगे अखिलेश यादव, हो सकती है बड़ी घोषणा

आगरा, 14 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 19 अप्रैल को आगरा का दौरा करने वाले हैं। इस दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है, क्योंकि माना जा रहा है कि इस दौरान अखिलेश यादव कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। यह दौरा करणी सेना के हालिया प्रदर्शनों और सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ उनके आक्रामक रुख के जवाब में देखा जा रहा है।
पृष्ठभूमि: राणा सांगा विवाद और करणी सेना का प्रदर्शन
पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में राणा सांगा को लेकर छिड़ा विवाद सुर्खियों में है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर एक बयान दिया, जिसे राजपूत समुदाय और करणी सेना ने अपमानजनक माना। सुमन ने अपने बयान में कहा था कि बाबर को भारत में राणा सांगा ने बुलाया था, जिसके बाद करणी सेना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती के अवसर पर करणी सेना ने आगरा में ‘स्वाभिमान रैली’ का आयोजन किया। इस रैली में बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने सपा सांसद के घर की ओर कूच करने की कोशिश की और इस दौरान तलवारें डंडे लहराए गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी, लेकिन प्रदर्शन के बाद भी तनाव बना रहा। करणी सेना ने सुमन से माफी की मांग की और कहा कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे, उनका विरोध जारी रहेगा।
अखिलेश यादव का आक्रामक रुख
इस पूरे विवाद में अखिलेश यादव ने शुरू से ही अपने सांसद का समर्थन किया है। उन्होंने करणी सेना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कठपुतली होने का आरोप लगाया और इसे ‘नकली सेना’ करार दिया। इटावा में एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश ने कहा, “यह सेना-वेना सब नकली है। ये सब भाजपा वाले हैं। अगर कोई हमारे रामजीलाल सुमन या हमारे कार्यकर्ता का अपमान करेगा, तो हम समाजवादी लोग उनके साथ खड़े दिखाई देंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इस तरह के विवादों को भड़काकर अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश का यह बयान केवल करणी सेना के लिए, बल्कि भाजपा के लिए भी एक सीधा हमला था। उन्होंने कहा कि भाजपा तो संविधान का सम्मान करती है, लोकतंत्र का, और ही देश के कानून का। इस तरह के बयानों ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है।
19 अप्रैल का दौरा: क्यों है महत्वपूर्ण?
अखिलेश यादव का आगरा दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सबसे पहले, यह सपा के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को यह संदेश देने का मौका है कि पार्टी अपने नेताओं के साथ मजबूती से खड़ी है। रामजीलाल सुमन के घर पर हुए हमले और करणी सेना के प्रदर्शन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में एक तरह की बेचैनी थी। अखिलेश का दौरा इस बेचैनी को दूर करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर सकता है।
दूसरा, यह दौरा सपा की ‘पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक’ (PDA) रणनीति को और मजबूत करने का एक हिस्सा माना जा रहा है। सपा ने हमेशा सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की वकालत की है। रामजीलाल सुमन, जो दलित समुदाय से आते हैं, के समर्थन में अखिलेश का यह कदम सपा के इस संदेश को और पुख्ता करता है कि वह कमजोर वर्गों के साथ है।
तीसरा, इस दौरे के दौरान अखिलेश कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इस घोषणा की प्रकृति स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह सपा की भविष्य की रणनीति या 2027 के विधानसभा चुनावों से संबंधित हो सकती है। कुछ जानकारों का मानना है कि अखिलेश इस मौके का इस्तेमाल करणी सेना और भाजपा के खिलाफ अपने हमले को और तेज करने के लिए कर सकते हैं।
सपा का समर्थन और करणी सेना की प्रतिक्रिया
सपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस विवाद में रामजीलाल सुमन का खुलकर समर्थन किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव पहले ही सुमन के परिवार से मिल चुके हैं। इन मुलाकातों ने यह संदेश दिया है कि सपा अपने सांसद के साथ मजबूती से खड़ी है।
वहीं, करणी सेना ने अखिलेश के इस दौरे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। करणी सेना के युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने कहा, “हम किसी के आने-जाने से डरने वाले नहीं हैं। अगर सुमन माफी नहीं मांगेंगे, तो हमारा विरोध और तेज होगा।” करणी सेना ने यह भी दावा किया कि उनका आंदोलन केवल रामजीलाल सुमन के बयान के खिलाफ है, कि किसी समुदाय विशेष के।
सियासी समीकरण और भविष्य
उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज का एक बड़ा वोट बैंक है, और करणी सेना इस समुदाय की भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, सपा अपनी PDA रणनीति के तहत दलित, पिछड़ा, और अल्पसंख्यक समुदायों को एकजुट करने में जुटी है। ऐसे में यह विवाद दोनों पक्षों के लिए सियासी रूप से महत्वपूर्ण हो गया है।
भाजपा इस पूरे मामले में अभी खुलकर सामने नहीं आई है, लेकिन अखिलेश के आरोपों ने उसे भी इस विवाद में घसीट लिया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस स्थिति का फायदा उठाकर राजपूत वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकती है।
आगरा में सुरक्षा व्यवस्था
अखिलेश यादव के दौरे को देखते हुए आगरा प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रामजीलाल सुमन के घर के आसपास पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात है। 12 अप्रैल को करणी सेना के प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ और हिंसा को देखते हुए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। माना जा रहा है कि 19 अप्रैल को शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

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