उत्तर प्रदेश: खराब मौसम से प्रभावितों के लिए राहत राशि वितरण के निर्देश, सीएम योगी ने अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
लखनऊ, 20 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में मौसम ने अचानक करवट ली है। तेज आंधी, बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने कई जिलों में जनजीवन को प्रभावित किया है। खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल राहत कार्य शुरू करने और प्रभावितों को सहायता राशि वितरित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर नुकसान का आकलन करने और शीघ्र रिपोर्ट शासन को भेजने का आदेश दिया है।
मौसम की मार और किसानों की चिंता
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अप्रैल के मध्य से मौसम ने अप्रत्याशित रूप से बदलाव दिखाया है। लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, और अन्य जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि ने तबाही मचाई। खास तौर पर रबी फसलों की कटाई के समय इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। गेहूं, चना, सरसों जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। कई जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि और पशुहानि की भी खबरें सामने आई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश और मेघ गर्जन के साथ बूंदाबांदी की संभावना अभी भी बनी हुई है। इस बदलते मौसम ने न केवल किसानों, बल्कि आम जनजीवन को भी प्रभावित किया है। जलजमाव की स्थिति ने कई क्षेत्रों में यातायात और दैनिक गतिविधियों को बाधित किया है।
सीएम योगी का त्वरित एक्शन: राहत कार्यों में तेजी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्राकृतिक आपदा को गंभीरता से लिया है और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक सरकारी सहायता पहुंचना सरकार की प्राथमिकता है। शुक्रवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सीएम योगी ने लिखा, “प्रदेश में कई जनपदों से आंधी-बारिश, ओलावृष्टि की सूचना प्राप्त हुई है। किंतु चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक प्रदेशवासी की सुरक्षा आपकी सरकार की प्राथमिकता है।”
सीएम ने सभी जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों (एसडीएम), और तहसीलदारों को प्रभावित क्षेत्रों में जाकर तत्काल सर्वेक्षण करने और नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि फसलों, संपत्ति, और पशुधन को हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट 72 घंटों के भीतर शासन को भेजी जाए, ताकि प्रभावितों को जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान किया जा सके। इसके साथ ही, जनहानि या पशुहानि के मामलों में 24 घंटे के भीतर राहत राशि वितरित करने के लिए कहा गया है।

राहत राशि और मुआवजा प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ‘राज्य आपदा राहत निधि (SDRF)’ योजना के तहत प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की है। इसके तहत, बाढ़, ओलावृष्टि, और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजा दिया जाता है। जनहानि के मामलों में 4 लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जबकि पशुहानि और संपत्ति नुकसान के लिए भी नियमानुसार मुआवजा निर्धारित है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि राहत राशि का वितरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जैसे विधायकों और सांसदों, के माध्यम से किया जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जरूरतमंदों तक सहायता तुरंत पहुंचे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसानों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया गया है। सीएम ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे बिना देरी के सर्वेक्षण करें और दावों का निपटान तेजी से करें।
कृषि और खरीद केंद्रों पर विशेष ध्यान
रबी फसलों की कटाई और गेहूं की सरकारी खरीद के समय इस आपदा ने प्रशासन के सामने नई चुनौतियां खड़ी की हैं। सीएम योगी ने मंडियों और खरीद केंद्रों पर गेहूं के सुरक्षित भंडारण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण अनाज को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सभी खरीद केंद्रों पर तिरपाल और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
इसके साथ ही, जलजमाव की स्थिति को रोकने के लिए तत्काल जल निकासी की व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशनों को सक्रिय रखने के लिए कहा गया है, ताकि बाढ़ जैसी स्थिति से बचा जा सके।
अधिकारियों की जवाबदेही तय
सीएम योगी ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी की ओर से शिथिलता या देरी की शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सर्वेक्षण की रिपोर्ट जल्द से जल्द विभाग के पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि मुआवजा प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
पिछले प्रयासों से प्रेरणा
योगी सरकार ने पहले भी प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित कार्रवाई करके प्रभावितों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। पिछले साल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर राहत राशि वितरित की गई थी, और हजारों किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया गया था। इस बार भी सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी प्रभावित व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे।
आम जनता और किसानों से अपील
मुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील की है कि वे मौसम की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी बरतें और अति आवश्यक कार्य के लिए ही घर से बाहर निकलें। राहत विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है, जिसमें लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और आकाशीय बिजली से बचाव के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।
