उत्तर प्रदेश: मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों के लिए अलग विंग बनाने की मांग, BJP विधायक केतकी का बयान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर विवादों का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने मेडिकल कॉलेजों में मुस्लिम छात्रों के लिए अलग विंग बनाने की मांग को लेकर तीखा बयान दिया है। उनका कहना है कि इस प्रकार की मांग करना बिल्कुल गलत है और इसे नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “न जाने क्या थूककर दे दें”, जिससे उनका यह बयान और भी विवादास्पद हो गया है।
मामला क्या है?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने मांग की थी कि उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मुस्लिम छात्रों के लिए एक अलग विंग (विभाग) बनाया जाए। उनके अनुसार, यह कदम मुस्लिम छात्रों को विशेष ध्यान और सुविधा देने के लिए उठाया जाना चाहिए, ताकि उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा सके।
हालांकि, इस मांग के विरोध में बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने एक सार्वजनिक बयान दिया, जिसमें उन्होंने इस विचार को पूरी तरह नकारा। उन्होंने कहा, “अगर ऐसा करना है तो फिर हर समुदाय के लिए अलग-अलग विंग क्यों नहीं बनाए जाएं? क्या हम किसी एक समुदाय को विशेष लाभ देने के लिए एक अलग व्यवस्था शुरू करेंगे?” उनका यह बयान तेजी से मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया।
केतकी सिंह का बयान
केतकी सिंह ने अपने बयान में कहा, “न जाने क्या थूककर दे दें। यह मांग उठाने वाले लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अगर हम किसी एक समुदाय को विशेष लाभ देने के लिए ऐसा कदम उठाते हैं, तो यह सिर्फ नफरत और विवाद को बढ़ावा देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, और यहां सभी को समान अधिकार मिलते हैं, फिर चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से हों।
उनका यह बयान कई लोगों के लिए आहत करने वाला साबित हुआ, और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विपक्षी दलों ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे सांप्रदायिक और समाज को बांटने वाला करार दिया।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
रघुराज सिंह के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेताओं ने इसे संवेदनहीन और नफरत फैलाने वाला बताया है। सपा के एक नेता ने कहा, “यह बयान न केवल एक समुदाय को निशाना बना रहा है, बल्कि पूरे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को चुनौती भी दे रहा है। इस तरह के बयान देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं।” कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “यह बयान समाज में तनाव और घृणा फैलाने वाला है, जो एक राजनीतिक रणनीति के तहत किया जा रहा है।”
मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया
मुस्लिम संगठनों ने भी केतकी सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा, “मुस्लिम छात्रों के लिए अलग विंग की मांग करना कोई गलत बात नहीं है, यह उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सरल कदम हो सकता है। हालांकि, इस तरह के बयान धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।”
वहीं, मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि इस प्रकार के बयान समाज में ध्रुवीकरण बढ़ाते हैं और विभिन्न समुदायों के बीच अविश्वास पैदा करते हैं।
क्या मुस्लिम छात्रों की मांग उचित है?
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों में मुस्लिम छात्रों के लिए अलग विंग बनाने की मांग का उद्देश्य केवल उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान रखना है, जैसे कि नमाज पढ़ने की जगह, हलाल खाने का प्रबंध और अन्य धार्मिक सुविधाएं। उनका यह भी कहना है कि ऐसी सुविधाएं अन्य धार्मिक समुदायों के छात्रों को पहले से उपलब्ध हैं, और मुस्लिम छात्रों के लिए भी इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
वहीं, बीजेपी विधायक केतकी सिंह और उनके समर्थकों का कहना है कि भारत में सभी समुदायों को समान सुविधाएं मिलनी चाहिए, और इस तरह का भेदभाव केवल समाज में असहमति और विवाद को जन्म देगा। वे मानते हैं कि इस तरह के कदम से सामाजिक एकता और साम्प्रदायिक सद्भाव को खतरा हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार हमेशा से समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देती रही है। उनके अनुसार, इस प्रकार की मांगों का समाधान संवेदनशील तरीके से और समग्र दृष्टिकोण से किया जाएगा।
