यूपी मौसम अपडेट: पुरवाई से हफ्ते भर तक हीट वेव से रहेगी राहत, 17 जिलों में बूंदाबांदी के आसार
लखनऊ, 27 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रही भीषण गर्मी और लू की स्थिति से अब राहत मिलने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पुरवाई हवाओं के प्रभाव से राज्य में अगले एक हफ्ते तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान 17 जिलों में हल्की बूंदाबांदी और गरज-चमक की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही, 23 जिलों में वज्रपात और 12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की गई है। यह मौसम बदलाव गर्मी से परेशान लोगों और किसानों के लिए राहत भरा हो सकता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की भी सलाह दी गई है।
मौसम में बदलाव का कारण
मौसम विभाग ने बताया कि यह बदलाव पुरवाई हवाओं (पूर्वी हवाओं) और एक पश्चिमी विक्षोभ के संयुक्त प्रभाव के कारण हो रहा है। पुरवाई हवाएं बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रही हैं, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित कर रहा है, जिसके चलते मौसम में अस्थिरता आई है। यह प्रणाली 27 अप्रैल से 3 मई तक सक्रिय रहेगी, जिसके दौरान तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है।
17 जिलों में बूंदाबांदी की संभावना
मौसम विभाग ने राज्य के 17 जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। इन जिलों में गाजियाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कासगंज, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, रामपुर और मुरादाबाद शामिल हैं। इन इलाकों में 27 अप्रैल से 30 अप्रैल तक हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बादल छाए रहने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बूंदाबांदी गर्मी से राहत तो देगी, लेकिन यह ज्यादा भारी नहीं होगी, जिसके कारण बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका नहीं है।
23 जिलों में वज्रपात और 12 में ओलावृष्टि की चेतावनी
इसके साथ ही, मौसम विभाग ने 23 जिलों में वज्रपात और गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी है। इनमें प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, अयोध्या और बाराबंकी शामिल हैं। इन जिलों में 30-40 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है।
वहीं, 12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की गई है। इनमें लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, कौशांबी, फतेहपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और शाहजहांपुर शामिल हैं। ओलावृष्टि के कारण इन इलाकों में फसलों को नुकसान होने की आशंका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई चल रही है।
गर्मी से राहत, लेकिन चुनौतियां बरकरार
पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप देखा जा रहा था। 26 अप्रैल को X पर पोस्ट्स के अनुसार, कानपुर, प्रयागराज और सुल्तानपुर सबसे गर्म रहे, जहां तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। राज्य के 30 जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया था। इस गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली कटौती की समस्या भी आम है।
हालांकि, पुरवाई हवाओं और बूंदाबांदी के कारण अब तापमान में कमी आने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह राहत हफ्ते भर तक बनी रह सकती है, जिसके बाद मई की शुरुआत में फिर से गर्मी बढ़ने की संभावना है। लेकिन इस राहत के साथ कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। वज्रपात और ओलावृष्टि से जानमाल का नुकसान हो सकता है, और तेज हवाओं से पेड़ गिरने या बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका भी है।

किसानों के लिए सावधानी जरूरी
यह मौसम बदलाव किसानों के लिए दोहरी मार लेकर आया है। एक ओर जहां बारिश और तापमान में कमी से गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फसलों को नुकसान होने का खतरा भी है। उत्तर प्रदेश में इस समय रबी फसलों की कटाई और भंडारण का काम जोरों पर है। गेहूं, चना, सरसों और मसूर जैसी फसलों की कटाई कई इलाकों में पूरी हो चुकी है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी यह प्रक्रिया चल रही है। ओलावृष्टि से तैयार फसल को नुकसान हो सकता है, और बारिश के कारण फसल भीगने का भी खतरा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गेहूं क्रय केंद्रों को रविवार को भी खोलने का निर्देश दिया था, ताकि किसान अपनी फसल जल्द से जल्द बेच सकें। अब मौसम की इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने क्रय केंद्रों पर भंडारण और जल निकासी की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखें और मौसम की जानकारी पर नजर बनाए रखें।
आम लोगों के लिए सावधानी के उपाय
मौसम विभाग ने आम लोगों को वज्रपात और तेज हवाओं के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों को खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या ऊंची जगहों पर न रुकने की सलाह दी गई है। बारिश के दौरान बिजली के उपकरणों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। इसके अलावा, बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव और फिसलन की स्थिति हो सकती है, जिसके लिए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
राष्ट्रीय संदर्भ में मौसम की स्थिति
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई अन्य हिस्सों में भी मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। मौसम विभाग की 26 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पूर्वी और मध्य भारत में 26 से 29 अप्रैल तक बारिश, वज्रपात, ओलावृष्टि और तेज हवाओं की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। यह मौसमी बदलाव अप्रैल के अंत में असामान्य नहीं है, क्योंकि इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं का प्रभाव बढ़ता है।
हाल की घटनाओं से बढ़ी सतर्कता
यह मौसम बदलाव ऐसे समय में हो रहा है, जब उत्तर प्रदेश में कई अन्य घटनाएं भी सुर्खियों में हैं। हाल ही में प्रयागराज में शिक्षा निदेशालय में लगी आग ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया, जिसमें हजारों महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं। इसके अलावा, वाराणसी में डिजिटल फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं, जहां 36% फिशिंग और 18% UPI धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। मौसम की इस अस्थिरता ने इन चुनौतियों को और जटिल बना दिया है, क्योंकि बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में भी देरी हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह राहत अस्थायी होगी, और मई की शुरुआत में तापमान फिर से बढ़ने की संभावना है। मई में उत्तर प्रदेश में गर्मी अपने चरम पर पहुंच सकती है, और लू की स्थिति फिर से देखने को मिल सकती है। इसीलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे इस राहत के दौरान अपनी तैयारियां पूरी कर लें, खासकर पानी की बचत और गर्मी से बचाव के उपायों को लेकर।
