यूपी मौसम अपडेट: 27 अप्रैल 2025 से मौसम में बदलाव, 23 जिलों में वज्रपात और 12 में ओलावृष्टि की चेतावनी
लखनऊ, 27 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में आज से मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य के 23 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की संभावना है, जबकि 12 जिलों में ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही कई इलाकों में बारिश की भी चेतावनी दी गई है। यह बदलाव लू की स्थिति से राहत दिला सकता है, लेकिन किसानों और आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने बताया कि यह बदलाव एक पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के आपसी प्रभाव के कारण हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप, 27 अप्रैल से 30 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम अस्थिर रहेगा। खास तौर पर तराई और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलेगा।
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23 जिलों में वज्रपात और बारिश का अलर्ट: प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, अयोध्या और बाराबंकी में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात की संभावना है। इन इलाकों में 30-40 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
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12 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी: लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, कौशांबी, फतेहपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और शाहजहांपुर में ओले गिरने की संभावना है। इन जिलों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होने का खतरा है।
मौसम का प्रभाव
यह मौसम बदलाव पिछले कई दिनों से चल रही गर्मी और लू की स्थिति से राहत दिला सकता है। हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा था, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में 3-5 डिग्री की कमी आ सकती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं।
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किसानों के लिए चिंता: ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फसलों, खासकर गेहूं, चना, और सरसों की फसलों को नुकसान हो सकता है। कई इलाकों में फसल कटाई का काम चल रहा है, और बारिश से तैयार फसल भीगने का खतरा है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें और मौसम की जानकारी पर नजर बनाए रखें।
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वज्रपात और तेज हवाओं के कारण लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि लोग खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या ऊंची जगहों पर न रुकें। बारिश के दौरान बिजली के उपकरणों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
मौसम की पृष्ठभूमि
यह मौसम बदलाव एक व्यापक मौसमी प्रणाली का हिस्सा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की 26 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पूर्वी और मध्य भारत में 26 से 29 अप्रैल तक बारिश, वज्रपात, ओलावृष्टि और तेज हवाओं की संभावना है। उत्तर प्रदेश भी इस प्रणाली से प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी उत्तर-पश्चिम भारत में देखा जा रहा है, जिसके कारण मौसम में यह अस्थिरता आई है।
अन्य क्षेत्रों में स्थिति
उत्तर प्रदेश के अलावा, देश के कई अन्य हिस्सों में भी मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और कर्नाटक में भी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। यह मौसमी बदलाव अप्रैल के अंत में असामान्य नहीं है, क्योंकि इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं का प्रभाव बढ़ता है।
