UP: आवारा कुत्तों ने सात साल के मासूम को नोच कर मार डाला, पिता को खेत पर खाना देने गया था बालक
हरदोई, 7 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक सात साल के मासूम बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला। यह दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चा अपने पिता को खेत पर खाना देने गया था। घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आवारा कुत्तों के खतरे को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
घटना का विवरण
यह घटना थाना नीमगांव क्षेत्र के ग्राम बिलहरी गांव में रविवार दोपहर की है। मृतक बच्चे का नाम सूर्यांश बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, सूर्यांश 1 बजे घर से निकला था। रास्ते में अचानक आवारा कुत्तों का एक झुंड उस पर टूट पड़ा।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुत्तों ने बच्चे को घेर लिया और उस पर हमला कर दिया। सूर्यांश ने भागने की कोशिश की, लेकिन कुत्तों ने उसे दबोच लिया और नोचना शुरू कर दिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के कुछ लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कुत्तों ने बच्चे के शरीर को बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिया था। ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से कुत्तों को भगाया और बच्चे को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार का हाल
सूर्यांश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। इस घटना के बाद से परिवार सदमे में है। मां सरोजनी का रो-रोकर बुरा हाल है और वह बार-बार बेहोश हो रही हैं। पिता रामेश्वर ने बताया, “मैं खेत में काम कर रहा था। मुझे क्या पता था कि मेरा बेटा मेरे लिए खाना लाते वक्त इस तरह मारा जाएगा। अगर मुझे पता होता, तो मैं उसे कभी अकेले नहीं भेजता।” गांव वालों ने बताया कि अमन बहुत समझदार और चंचल बच्चा था, जो अपने पिता की मदद के लिए अक्सर खेत पर जाता था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मल्लावां थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। थानाध्यक्ष ने बताया, “हमने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह एक दुखद घटना है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कुत्तों ने अचानक हमला क्यों किया और इस इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या कितनी है।” पुलिस ने आसपास के लोगों से भी पूछताछ शुरू की है ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा
यह घटना उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे की एक और मिसाल है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के कई हिस्सों से इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग शिकार हुए हैं। हरदोई में भी पहले कुत्तों के हमले की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस बार एक मासूम की जान चले जाने से लोग गुस्से में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ये कुत्ते दिन-रात गांव में घूमते हैं। कई बार बच्चों पर हमला कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। अब एक बच्चे की जान चली गई, तब जाकर पुलिस आई है।” ग्रामीणों ने मांग की है कि आवारा कुत्तों को पकड़कर कहीं और शिफ्ट किया जाए या उनकी संख्या पर नियंत्रण के लिए नसबंदी अभियान चलाया जाए।
प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का आरोप है कि नगर पालिका और जिला प्रशासन आवारा कुत्तों की समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कचरे का सही प्रबंधन न होना और खाने की चीजों का खुले में फेंका जाना कुत्तों की आबादी बढ़ने का बड़ा कारण है। साथ ही, कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के अभियान में भी सुस्ती बरती जा रही है।
पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अजय वर्मा ने बताया, “आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए नियमित नसबंदी और रेबीज का टीका लगाना जरूरी है। लेकिन ज्यादातर जगहों पर यह काम ठीक से नहीं हो रहा। जब कुत्तों को भोजन नहीं मिलता, तो वे हिंसक हो जाते हैं और बच्चों जैसे आसान शिकार पर हमला करते हैं।”
सरकार से मुआवजे की मांग
अमन के परिवार ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। रामेश्वर ने कहा, “मेरा बेटा चला गया, अब हमारा क्या होगा? सरकार को हमें मदद करनी चाहिए और इस समस्या का हल निकालना चाहिए।” गांव के कुछ लोगों ने भी प्रशासन से अपील की है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
