UP News: 17 मार्च से शुरू हो जाएगी गेहूं खरीद, 48 घंटे के अंदर होगा भुगतान; जानें समर्थन मूल्य सहित सब कुछ
लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक अहम घोषणा की है। राज्य में 17 मार्च 2025 से गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, किसानों के लिए एक बड़ी राहत की बात यह है कि गेहूं बेचने के बाद उन्हें 48 घंटे के भीतर भुगतान मिल जाएगा। इस वर्ष भी गेहूं के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को और भी ज्यादा लाभ मिलेगा।
समर्थन मूल्य की घोषणा:
उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है, जो इस बार 1975 रुपये प्रति क्विंटल रहेगा। यह मूल्य केंद्र सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य के अनुसार होगा। पिछले साल की तुलना में यह मूल्य थोड़ी वृद्धि के साथ तय किया गया है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की बेहतर कीमत मिल सकेगी।
गेहूं खरीद प्रक्रिया:
गेहूं खरीद प्रक्रिया 17 मार्च से शुरू हो जाएगी और राज्य के सभी प्रमुख सिद्धार्थनगर, देवरिया, बरेली, कन्नौज, लखनऊ, गोरखपुर, और आगरा जैसे जिलों में खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। किसानों को इन केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए आने के बाद उनकी फसल की तौल और गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
किसान अपना गेहूं एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के गोदामों तक ले जा सकते हैं, जहां से उन्हें तत्काल भुगतान किया जाएगा। किसानों को भुगतान की पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को लागू किया है।
48 घंटे के भीतर होगा भुगतान:
इस बार, राज्य सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए यह घोषणा की है कि गेहूं बेचने के 48 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया कुछ ज्यादा समय लेती थी, लेकिन अब इसे तेज़ करने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। इससे किसानों को अपने आर्थिक संकटों का तुरंत समाधान मिल सकेगा, और उन्हें फसल बेचने के बाद लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ऑनलाइन पंजीकरण और समर्थन:
गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को पहले से और भी सरल और सुलभ बनाया गया है। किसानों को अब अपने नाम, भूमि का विवरण और अन्य आवश्यक जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करनी होगी। इससे सरकारी विभाग को किसानों की सही जानकारी मिलेगी और फर्जीवाड़े को भी रोका जा सकेगा।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर कोई भी किसान बिना पंजीकरण के नहीं पहुंचे और हर किसान की समस्या का समाधान तुरंत हो।
गेहूं की गुणवत्ता और तौल पर ध्यान:
सरकार ने गेहूं की गुणवत्ता को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए हैं। खरीद केंद्रों पर गेहूं की तौल और गुणवत्ता की पूरी जांच की जाएगी, और केवल कृषि विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार गेहूं को खरीदा जाएगा। साथ ही, अगर किसी किसान का गेहूं निर्धारित गुणवत्ता मानकों से कम होगा तो उसे खरीद केंद्र से वापस कर दिया जाएगा।
किसानों के लिए यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
इस कदम से किसानों को कई फायदे होंगे:
- समय पर भुगतान: 48 घंटे के भीतर भुगतान से किसानों को तत्काल अपनी फसल की कीमत मिल जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- उच्च समर्थन मूल्य: किसानों को उनके गेहूं के लिए सही मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा।
- सरकार की पारदर्शिता: सरकार ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया शुरू की है, जिससे भ्रष्टाचार और देरी की संभावना कम होगी।
- सुलभ खरीद केंद्र: राज्य के विभिन्न स्थानों पर खरीद केंद्रों की स्थापना से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर-दूर नहीं जाना पड़ेगा।
