यूपी: फरवरी के महीने में मार्च जैसी गर्म हवाएं, वाराणसी रहा सबसे गर्म जिला, मौसम विभाग ने जारी किए पूर्वानुमान
23 फ़रवरी। उत्तर प्रदेश (यूपी) में फरवरी के महीने में गर्मी का दौर शुरू हो गया है, जो आमतौर पर मार्च महीने में देखने को मिलता है। इस साल फरवरी में तापमान असामान्य रूप से बढ़ गया है, जिससे राज्य के लोगों को चौंकाने वाला अनुभव हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय राज्य में गर्म हवाएं चल रही हैं, और यह फरवरी में गर्मी का एक अनोखा मंजर है। विशेष रूप से वाराणसी, जो उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है, इस समय राज्य का सबसे गर्म जिला बना हुआ है।
वाराणसी रहा सबसे गर्म जिला
पिछले कुछ दिनों से वाराणसी में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, और यह जिले के निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। शनिवार, 17 फरवरी को वाराणसी में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था, जो कि इस मौसम के लिए असामान्य रूप से ऊँचा था। इसके साथ ही, वाराणसी में हवा की गति भी बढ़ गई थी, जो और भी गर्मी का कारण बनी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह तापमान फरवरी महीने में सामान्य से कहीं अधिक था।
अन्य जिलों में भी गर्मी
वाराणसी के अलावा, यूपी के अन्य प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और इलाहाबाद में भी गर्मी का असर देखा गया है। लखनऊ में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था, जो फरवरी के माह में सामान्य से करीब 5 डिग्री अधिक था। कानपुर और गोरखपुर में भी तापमान में वृद्धि देखी गई। हालांकि, इन शहरों में गर्मी का असर वाराणसी जितना तीव्र नहीं था, फिर भी सामान्य से ऊपर तापमान ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में हवा का दबाव कम हो गया है, जिससे यहां तापमान में वृद्धि हो रही है। खासकर पूर्वी यूपी में यह गर्मी अधिक महसूस की जा रही है, क्योंकि यहां का मौसम आमतौर पर ठंडा और शीतल रहता है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में मौसम और गर्म हो सकता है। फरवरी के अंत तक, राज्य के कई हिस्सों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। इसके साथ ही, पश्चिमी हवा के कारण उमस और गर्मी का असर बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह भी अनुमान जताया है कि मार्च में इस गर्मी का असर और बढ़ सकता है। हालांकि, फरवरी के अंत में राज्य में कुछ हल्की बारिश की भी संभावना जताई जा रही है, जो तापमान को थोड़ा नियंत्रित कर सकती है।
मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में धूल भरी आंधियां और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है, जो गर्मी को थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन फिर भी उमस और गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा।
गर्मी के कारण लोगों को परेशानी
उत्तर प्रदेश में इस असामान्य गर्मी का सबसे ज्यादा असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। फरवरी के महीने में उमस और गर्मी से निपटना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। राज्य के किसान, जो अब तक अपने खेतों में ठंड के मौसम में काम करने की आदत डाल चुके थे, अब गर्मी की चपेट में आकर काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। खासकर उन किसानों को परेशानी हो रही है, जिनके खेतों में गेहूं और धान की फसलें हैं, क्योंकि गर्मी के कारण इन फसलों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त, शहरों में रहने वाले लोग भी इस अचानक बढ़ी गर्मी से प्रभावित हो रहे हैं। दिन में सड़कों पर निकलना और काम पर जाना उनके लिए मुश्किल हो गया है। ट्रैफिक जाम और सड़क पर गर्मी के कारण लोगों की सेहत भी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, गर्म हवाओं के कारण लू लगने का खतरा भी बढ़ गया है। राज्य में अस्पतालों में लू से संबंधित समस्याओं के मामले बढ़ने की संभावना है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
गर्मी और उमस से लोगों की सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम अत्यंत कठिन साबित हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, तेज़ गर्मी से लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना, और उल्टियां जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे इस मौसम में अधिक से अधिक पानी पिएं, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और सूर्य के सीधे संपर्क में आने से बचें। साथ ही, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस समय में विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है?
मौसम विभाग का कहना है कि अगर इस तरह की गर्मी का सिलसिला जारी रहता है, तो अप्रैल और मई महीने में ही तीव्र गर्मी का सामना करना पड़ेगा। अगर गर्मी का प्रकोप इस समय से पहले शुरू हो गया है, तो आगामी महीनों में गर्मी का स्तर और भी अधिक बढ़ सकता है। इसके साथ ही, बारिश के मौसम में देरी भी इस साल की गर्मी को बढ़ा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मौसम विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस तरह की असामान्य गर्मी का कारण ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन हो सकते हैं। यह विश्वभर में मौसम के पैटर्न को प्रभावित कर रहा है, और उत्तर प्रदेश में भी इसके प्रभाव साफ देखे जा रहे हैं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में फरवरी के महीने में असामान्य गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है, और इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह किसी मौसम बदलाव का संकेत है। मौसम विभाग का कहना है कि गर्मी का यह दौर आगे भी जारी रह सकता है, और लोगों को इस गर्मी से बचने के लिए एतिहात बरतनी चाहिए। जैसे-जैसे मौसम में बदलाव होगा, राज्य के लोग और अधिक कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं, और इसीलिए उनका स्वास्थ्य विशेष रूप से इस समय ज्यादा महत्वपूर्ण है।
