यूपी में मई की शुरुआत में मौसम का बदला मिजाज: बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं का अलर्ट
लखनऊ, 30 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में मई की शुरुआत तपन भरी गर्मी से नहीं, बल्कि बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ होने जा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई हिस्सों में 1 मई से 5 मई तक प्री-मानसून गतिविधियों की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और अन्य मौसमी प्रणालियों के संयोजन का परिणाम है, जो गर्मी से त्रस्त लोगों को राहत दे सकता है।
मौसम विभाग का अलर्ट: क्या है स्थिति?
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में 1 मई से मौसम में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या और अंबेडकरनगर में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। कुछ क्षेत्रों में धूल भरी आंधी और बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल तक मौसम अपेक्षाकृत साफ रह सकता है, लेकिन 1 मई से मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और मेरठ जैसे जिलों में भी बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग ने 30 जिलों में बूंदाबांदी और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है, जिसमें लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली और अमेठी जैसे मध्य यूपी के जिले भी शामिल हैं।
मौसम बदलाव की वजह: पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाएं
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बदले हुए मौसम का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय हो रहा है। लखनऊ के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती हवाओं की स्थिति बनी हुई है। इसके साथ ही अरब सागर से नमी युक्त हवाओं का प्रवाह शुरू हो गया है, जिसके कारण बादल छाने और बारिश की संभावना बढ़ गई है।
उन्होंने आगे कहा, “पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 2 से 4 मई तक सबसे अधिक रहेगा। इस दौरान कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि और बिजली गिरने की भी संभावना है। लोगों को
सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां तेज हवाएं और वज्रपात का खतरा अधिक है।”
तापमान में गिरावट, गर्मी से राहत
पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू की स्थिति बनी हुई थी। बांदा, प्रयागराज, चित्रकूट, फतेहपुर और वाराणसी जैसे जिलों में अधिकतम तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। हालांकि, मौसम के इस बदलाव से तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। लखनऊ में अगले तीन-चार दिनों में अधिकतम तापमान 33-35 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है, जो सामान्य से 4-5 डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान में भी कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, जो 22-25 डिग्री के बीच रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, बारिश और तेज हवाओं के कारण वातावरण में नमी बढ़ेगी, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों में बारिश का असर अधिक देखने को मिलेगा, जहां कुछ स्थानों पर जलभराव की स्थिति भी बन सकती है।
प्रभावित क्षेत्र और सावधानियां
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तेज हवाओं और बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों पर रहने से बचना चाहिए। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखें, क्योंकि तेज हवाएं और ओलावृष्टि कुछ क्षेत्रों में नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेष रूप से गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई कर रहे किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।
लखनऊ के मौसम केंद्र ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की ताजा जानकारी के लिए नियमित रूप से अपडेट लेते रहें। बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ों के नीचे खड़े होने या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने से बचें। साथ ही, तेज हवाओं के कारण पेड़ों या बिजली के तारों के गिरने की आशंका को देखते हुए सावधानी बरतें।
हाल के हादसों ने बढ़ाई चिंता
हाल ही में 28 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश के कारण हुए हादसों में तीन लोगों की मौत की खबर आई है। अयोध्या और फतेहपुर में पेड़ गिरने और बिजली के तार टूटने से ये हादसे हुए। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई और पेड़ों के गिरने से यातायात प्रभावित हुआ। इन घटनाओं ने मौसम विभाग और प्रशासन को और सतर्क कर दिया है।
जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन टीमें और बिजली विभाग को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों में नगर निगम को जलभराव से निपटने के लिए नालों की सफाई और पंपिंग सिस्टम को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 4 मई तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी रहेगा। 5 मई के बाद मौसम धीरे-धीरे साफ होने की संभावना है, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी बनी रह सकती है। इसके बाद तापमान में फिर से वृद्धि शुरू हो सकती है, क्योंकि मई का महीना उत्तर प्रदेश में सबसे गर्म महीनों में से एक होता है, जहां औसत तापमान 31-44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
लोगों की प्रतिक्रिया
मौसम के इस बदलाव से लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लखनऊ के निवासी रमेश कुमार ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से गर्मी बहुत ज्यादा थी। बारिश और ठंडी हवाओं से राहत मिलेगी, लेकिन जलभराव और बिजली कटौती की समस्या से बचना चाहिए।” वहीं, वाराणसी के एक किसान राम प्रसाद ने चिंता जताते हुए कहा, “बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि ओलावृष्टि न हो।”
