• October 14, 2025

यूपी: चार साल के बच्चे के गले में फंसा काजू, तड़पकर थम गई सांस; इकलौते बेटे की मौत से पूर्व प्रधान के घर कोहराम

वाराणसी, 27 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक चार साल के मासूम बच्चे की काजू खाने के दौरान गले में काजू फंसने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा वाराणसी के एक गांव में हुआ, जहां बच्चा अपने परिवार के साथ रहता था। मृतक बच्चा गांव के पूर्व प्रधान का इकलौता बेटा था, जिसके चलते इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी। परिवार में कोहराम मच गया, और स्थानीय लोगों में इस हादसे को लेकर गहरा दुख और आक्रोश देखा जा रहा है।
घटना का विवरण
यह दुखद घटना रविवार, 27 अप्रैल 2025 को दोपहर के समय हुई। जानकारी के अनुसार, चार साल का बच्चा अपने घर में खेल रहा था और उसकी मां रसोई में काम कर रही थी। बच्चे ने घर में रखे काजू के कुछ दाने उठा लिए और उन्हें खाने की कोशिश की। लेकिन उसका छोटा गला और अपरिपक्व चबाने की क्षमता इसकी वजह बन गई कि एक काजू उसके गले में फंस गया। बच्चे ने तड़पना शुरू कर दिया और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उसकी चीखें सुनकर मां दौड़कर आई, लेकिन तब तक बच्चे की हालत गंभीर हो चुकी थी।
परिवार ने तुरंत बच्चे को नजदीकी अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसकी सांसें थम गईं। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों ने बताया कि काजू बच्चे के श्वास नली में फंस गया था, जिसके कारण उसकी सांस रुक गई और ऑक्सीजन की कमी से उसकी मौत हो गई। इस स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में “एस्फिक्सिया” (asphyxiation) कहा जाता है, जो छोटे बच्चों में चोकिंग की घटनाओं से होने वाली मौत का एक प्रमुख कारण है।
परिवार और गांव में शोक
मृतक बच्चा गांव के पूर्व प्रधान का इकलौता बेटा था, जिसके चलते इस घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। परिवार में मातम पसर गया, और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पूर्व प्रधान ने बताया कि उनका बेटा उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी था, और इस हादसे ने उनकी दुनिया उजाड़ दी। गांव के लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं और परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। गांव में शोक की लहर है, और लोग इस हादसे को लेकर गहरे दुख में हैं।
बच्चों में चोकिंग का खतरा
यह घटना एक बार फिर छोटे बच्चों में चोकिंग (गले में कुछ फंसने) के खतरों को उजागर करती है। चिकित्सकों के अनुसार, चार साल से कम उम्र के बच्चों में चोकिंग की घटनाएं बहुत आम हैं, क्योंकि उनकी श्वास नली छोटी होती है और चबाने व निगलने की क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती। काजू, मूंगफली, अंगूर, पॉपकॉर्न और कैंडी जैसे खाद्य पदार्थ छोटे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, विश्व भर में 80% चोकिंग की घटनाएं तीन साल से कम उम्र के बच्चों में होती हैं।
वाराणसी के एक बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों को ऐसी चीजें देने से बचना चाहिए जो उनके गले में फंस सकती हों। उन्होंने कहा, “छोटे बच्चों को काजू, मूंगफली या अन्य नट्स देने से पहले उन्हें बारीक पीस लेना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को खाना खिलाते समय उनकी निगरानी करना बहुत जरूरी है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि माता-पिता को प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट एड) और चोकिंग से बचाव की तकनीकों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सावधानियां और सुझाव
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है:
  1. निगरानी: बच्चों को खाना खिलाते समय हमेशा उनकी निगरानी करें। खास तौर पर छोटे बच्चों को अकेले खाने न दें।
  2. खाद्य पदार्थों की सावधानी: काजू, मूंगफली, अंगूर, कैंडी, और पॉपकॉर्न जैसे खाद्य पदार्थ बच्चों को न दें। अगर देना जरूरी हो, तो उन्हें छोटे टुकड़ों में काटें या पीस लें।
  3. प्राथमिक चिकित्सा: माता-पिता को चोकिंग की स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होनी चाहिए। अगर बच्चा खांस रहा है और सांस ले पा रहा है, तो उसे खांसने दें। लेकिन अगर वह खांस नहीं पा रहा, तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।
  4. खिलौनों से सावधानी: छोटे खिलौने या छोटे हिस्सों वाले खिलौने बच्चों की पहुंच से दूर रखें, क्योंकि वे इन्हें मुंह में डाल सकते हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चर्चा को जन्म दिया है। गांव के कुछ लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कई माता-पिता को चोकिंग के खतरों और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी नहीं होती, जिसके कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे।
हाल की घटनाओं का संदर्भ
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब उत्तर प्रदेश में कई अन्य गंभीर घटनाएं भी सुर्खियों में हैं। आज ही वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री ने “विमान में बम है” की अफवाह फैलाई, जिसके बाद हड़कंप मच गया। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इन घटनाओं ने सुरक्षा और सतर्कता को लेकर लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
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Rama Niwash Pandey

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