यूपी: अखिलेश का PDA परिवारवाद और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाला, डिप्टी CM का तंज- ‘समाप्त होगा आतंक’
लखनऊ, 27 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। मौर्य ने अखिलेश के ‘PDA’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को ‘परिवार डेवलपमेंट एजेंसी’ करार देते हुए कहा कि यह परिवारवाद और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का एक हथकंडा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सपा का अंत होने तक अखिलेश की यह रणनीति काम नहीं करेगी और प्रदेश में आतंक का खात्मा होगा।
डिप्टी सीएम का बयान
केशव प्रसाद मौर्य ने आज लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “अखिलेश यादव का PDA कोई सामाजिक समूहों का समर्थन नहीं है, बल्कि यह उनकी ‘परिवार डेवलपमेंट एजेंसी’ है। इसका असली मकसद अपने परिवार को सत्ता में लाना और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना है। सपा के शासन में अपराधी, माफिया और आतंकवादियों को खुली छूट मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बीजेपी सरकार आतंक को जड़ से खत्म करेगी।” मौर्य ने यह भी कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता फिर से बीजेपी को चुनेगी और सपा का अंत सुनिश्चित होगा।
अखिलेश का जवाब
अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस तरह के बयान दे रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, “बीजेपी को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। वे सिर्फ झूठे आरोप लगाकर लोगों को गुमराह करना चाहते हैं। हमारा PDA सही मायनों में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के लिए है, और हम संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीजेपी की सत्ता की भूख और भ्रष्टाचार को जनता अच्छी तरह समझ चुकी है।”

सियासी पृष्ठभूमि और आरोप-प्रत्यारोप
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कई बड़ी घटनाएं हुई हैं। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले के बाद बीजेपी ने सपा पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव की एक पुरानी तस्वीर का हवाला दिया, जिसमें वे 2008 के अहमदाबाद बम ब्लास्ट के एक दोषी के पिता के साथ नजर आए थे। इस तस्वीर को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश पर निशाना साधा था।
बीजेपी का दावा है कि सपा के शासनकाल में आतंकवादियों और अपराधियों को खुली छूट दी गई थी। डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा, “सपा ने हमेशा अपराधियों और आतंकवादियों को संरक्षण दिया। अखिलेश यादव के शासन में लखनऊ और अयोध्या में हुए बम हमलों के मामलों को वापस ले लिया गया था, लेकिन हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई हुई। आजमगढ़ को सपा ने आतंकवाद का गढ़ बना दिया था।”
दूसरी ओर, अखिलेश ने बीजेपी पर संविधान को कमजोर करने और लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीतियां सामाजिक समूहों को बांटने वाली हैं, और उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। अखिलेश ने हाल ही में वाराणसी में डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी सरकार जनता की सुरक्षा में नाकाम रही है।
हाल की घटनाओं से बढ़ा तनाव
उत्तर प्रदेश में हाल की घटनाओं ने सियासी तनाव को और बढ़ा दिया है। आज ही वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री ने ‘विमान में बम है’ की अफवाह फैलाई, जिसके बाद हड़कंप मच गया। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। इसके अलावा, प्रयागराज में शिक्षा निदेशालय में लगी आग ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया, जिसमें हजारों महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं। कानपुर में अपर आयुक्त राज्य कर शशांक शेखर को टैक्स चोरी की शिकायतों के बाद हटाया गया, जिसे बीजेपी ने अपनी सख्त नीति का उदाहरण बताया।
क्या है PDA और इसका महत्व?
अखिलेश यादव ने ‘PDA’ को पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों का एकजुट मंच बताया है। उनका दावा है कि यह समूह संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर बीजेपी की नीतियों का विरोध करेगा। अखिलेश ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को बचाने की जिम्मेदारी अब PDA की है। हालांकि, बीजेपी लगातार इसे परिवारवाद का हथकंडा बताकर इसकी आलोचना करती रही है।
