युवाओं ने रोजगार के लिए सरकार से लगाई गुहार, बदले में उनपर हुआ लाठीचार्ज
हमारे प्रदेश में हजारों युवा रोजगार की तलाश में है। लेकिन जब यही युवा सरकार से अपने हक़ की गुहार लगाते हैं, तो इन्हे बदले में पुलिस की लाठियां मिलती हैं। दर्जनों ऐसी भर्तियां है जोकि किसी-न-किसी वजहों से सालों से लंबित पड़ी हुई है। इन्हीं भर्तियों में चयनित हजारों युवा अपना हक़ मांग रहे हैं। ऐसी ही एक बड़ी भर्ती साल 2018 में आई थी, जिसमे 69000 युवाओं को उम्मीद थी कि वो अपने सपनों को पूरा कर लेंगे। लेकिन आज चार साल बीत जाने के बाद भी शिक्षक बनने का सपना लिए 69000 शिक्षक की भर्ती के अभ्यर्थियों को मिल रही है तो सिर्फ पुलिस की लाठियां और सरकार की हीलाहवाली। कल उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र का आखिरी दिन था। विधानसभा की कार्रवाई पर सभी की नजर थी, लेकिन उसके पहले ही सबकी नजर पड़ गई मुख्यमंत्री आवास के बाहर बनी उस चमचमाती रोड पर जहां पर एक साथ 69000 शिक्षक भर्ती के कुछ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया, लेकिन यह लड़ाई यहीं पर खत्म नहीं होती यह लड़ाई बहुत दिनों से चल रही थी और कल इसी की चर्चा उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के आखिरी दिन भी हुई। जहां पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस भर्ती का जिक्र करते हुए मौजूदा शिक्षा मंत्री से सवाल पूछ डाला। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी लगातार अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि हजारों युवाओं के भविष्य का क्या होगा ? सभी अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं लेकिन सत्ता पक्ष का कोई नेता उनके बारे में सोचना तो दूर उनसे मिलने को भी तैयार नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि सही समय आने पर यही युवा सरकार को जवाब देंगे। उन्होंने कहा सरकार इनकी अनदेखी सिर्फ इसलिए कर रही है क्योंकि ज्यादातर अभ्यर्थी पिछले दलित और अल्पसंख्यक हैं। वहीं बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को 2018 में शुरू किया गया था। इस प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया। कुछ कमियों के चलते भर्ती लंबे समय तक कोर्ट में भी रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सभी योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति जल्द से जल्द दी जाए। मामला कोर्ट में है लेकिन सरकार युवाओं के भविष्य में ध्यान में रखते हुए उपाय निकाल रही है। बता दें पूरे मामले में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति को दूर करने के बाद चयनित 6800 शिक्षक अभ्यर्थी लगातार नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। जिस कारण ओबीसी, एससी वर्ग के अभ्यार्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी। नियुक्ति की मांग को लेकर हम लोग लम्बे समय से शासन प्रशासन से मांग कर हैं, लेकिन हर बार हम लोगों को आश्वासन मिलता है कोई समाधान नहीं निकलता। अभ्यर्थियों ने कहा हम खुद को सभी मानकों पर योग्य साबित कर चुके हैं फिर भी कोई मंत्री और अधिकारी हमारी सुनने को तैयार नहीं है। हम बस अपनी नियुक्ति चाहते है।
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