दिशा पाटनी के घर पर गोलीबारी करने वाले शूटरों का एनकाउंटर, चेहरे न छिपाए सीसीटीवी में कैद हो गए
बरेली/गाजियाबाद, 18 सितंबर 2025: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री दिशा पाटनी के परिवार के घर पर हुई गोलीबारी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई ने इस मामले को महज पांच दिनों में सुलझा दिया। गाजियाबाद में हुई मुठभेड़ में दोनों शूटर मारे गए। खास बात यह है कि अपराधियों ने अपना चेहरा कभी नहीं छिपाया, जिससे सीसीटीवी फुटेज में वे साफ नजर आ रहे थे। इस वजह से पुलिस को उन्हें पहचानने में आसानी हुई और उनका ‘गेम’ जल्दी खत्म हो गया।यह घटना 12 सितंबर की सुबह करीब साढ़े तीन बजे बरेली के सिविल लाइंस इलाके में हुई। दिशा पाटनी का पैतृक घर वहां स्थित है। दो बाइक सवार बदमाश अचानक घर के बाहर पहुंचे और ताबड़तोड़ 8 से 10 राउंड गोली चलाईं। आवाज इतनी तेज थी कि पूरे इलाके में दहशत फैल गई। उस वक्त घर में दिशा के पिता जगदीश सिंह पाटनी, जो रिटायर्ड डीएसपी हैं, उनकी पत्नी पद्मा पाटनी और बहन खुशबू पाटनी मौजूद थे। दिशा खुद मुंबई में थीं, लेकिन खबर मिलते ही वे परेशान हो गईं।
सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन दीवारों पर गोलियों के निशान साफ दिख रहे थे।पड़ोसियों ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुनकर सब डर गए। एक पड़ोसी ने कहा, “यह कायरों का काम था। रात के अंधेरे में आकर गोली चलाई और भाग गए। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।” घटना के तुरंत बाद पुलिस पहुंची और इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई। सीसीटीवी कैमरों में दोनों बदमाश साफ दिख रहे थे। वे हेलमेट तो पहने हुए थे, लेकिन चेहरे पूरी तरह ढके नहीं थे। एक की लाल जूतों ने उन्हें सबसे ज्यादा पहचान दिलाई। पुलिस ने इन फुटेज को आधार बनाकर जांच शुरू की।जांच में पता चला कि यह हमला गैंगस्टर रोहित गोदारा और गोल्डी बरार के गैंग ने करवाया था। सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में रोहित गोदारा ने जिम्मेदारी ली। उसने दावा किया कि यह फायरिंग दिशा की बहन खुशबू पाटनी की वजह से की गई। खुशबू पूर्व आर्मी अफसर हैं और कुछ आध्यात्मिक गुरुओं से जुड़ी बताई जा रही हैं। पोस्ट में कहा गया कि प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य महाराज का अपमान हुआ है, इसलिए यह ‘ट्रेलर’ है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े इन नामों ने मामले को और गंभीर बना दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी मिलते ही सख्त निर्देश दिए। उन्होंने दिशा के पिता जगदीश सिंह से फोन पर बात की और परिवार को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया। पुलिस ने पांच स्पेशल टीमें गठित कीं। यूपी एसटीएफ, दिल्ली स्पेशल सेल, नोएडा एसटीएफ और हरियाणा पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन चलाया। जांच में वायरल ऑडियो और पोस्ट भी शामिल किए गए।
अपराधियों की लोकेशन ट्रैक करने के लिए सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और गैंग के नेटवर्क की पड़ताल की गई।पुलिस को खुफिया जानकारी मिली कि दोनों शूटर हरियाणा से दिल्ली-एनसीआर की तरफ भागे हैं। उनकी पहचान रविंद्र उर्फ कुल्लू (रोहतक, हरियाणा) और अरुण (सोनीपत, हरियाणा) के रूप में हुई। रविंद्र पहले से कई आपराधिक मामलों में वांछित था। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। 17 सितंबर को गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी इलाके में पुलिस ने घेराबंदी की। जैसे ही टीम नजदीक पहुंची, बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लग गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।इस एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। दिल्ली स्पेशल सेल के एसआई रोहित तोमर और हेड कांस्टेबल कैलाश, तथा नोएडा एसटीएफ के हेड कांस्टेबल अंकुर सिंह और जय कुमार को गोली लगी। रोहित के बाएं हाथ में चोट आई, जबकि कैलाश के दाएं हाथ पर। अंकुर और जय को भी गंभीर चोटें आईं, लेकिन सब स्थिर हैं। पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल बरामद कीं। जिगाना पिस्टल गैंगस्टर्स की फेवरेट है क्योंकि यह कभी जाम नहीं होती। साथ ही कई कारतूस और लाल जूते भी मिले, जो सीसीटीवी से मैच करते हैं।
दिशा पाटनी के पिता जगदीश सिंह ने एनकाउंटर के बाद सीएम योगी से फिर बात की और पुलिस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “पुलिस ने कमाल कर दिया। परिवार सुरक्षित है।” दिशा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “परिवार ठीक है, सबका शुक्रिया।” यह घटना बॉलीवुड और क्राइम वर्ल्ड के बीच के कनेक्शन को उजागर करती है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और गैंग के अन्य सदस्यों पर नजर रखी जा रही है।इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून का हाथ लंबा होता है। चेहरा न छिपाने की उनकी गलती ने ही उनका पर्दाफाश किया। बरेली और गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से इस सफलता को हासिल किया। अब इलाके में शांति है, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है। दिशा पाटनी जैसे सितारों के लिए सुरक्षा के नए इंतजामों पर विचार हो रहा है। यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि अपराध का अंत निश्चित है।
