‘हृदय परिवर्तन की अनुग्रह अवधि खत्म’, सपा ने तीनों विधायकों को निकालने का बताया ये कारण
सपा से निष्कासित किए गए विधायकों में गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह, गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार के विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं. इन तीन विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से बाहर किया गया है. पिछले कुछ समय से ये तीनों बीजेपी के पाले में नजर आ रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में इन्होंने सपा के बजाय बीजेपी समर्थित प्रत्याशी को वोट किया था.
सपा ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिख दिया है. इनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. सपा से निकाले गए विधायकों में गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह, गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार के विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं.
पिछले कुछ समय से ये तीनों बीजेपी के पाले में नजर आ रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में इन्होंने सपा के बजाय बीजेपी समर्थित प्रत्याशी को वोट किया था. तभी से ये पार्टी के रडार पर थे. करीब डेढ़ साल बाद ‘बागी’ विधायकों पर एक्शन हुआ है. पार्टी ने इन्हें निष्काषित करते हुए कहा- ‘हृदय परिवर्तन के लिए दी गई अनुग्रह अवधि खत्म… शेष की समय सीमा अच्छे व्यवहार के कारण बाकी है, भविष्य में भी जन विरोधी लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा.’
सपा का कहना है कि उसके इस निर्णय से उसकी विचारधारा और सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता प्रतिबिंबित होती है. पार्टी का उद्देश्य अपने समर्थकों और आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बनाए रखना है.
गौरतलब है कि फरवरी 2024 में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए बीजेपी ने 8 उम्मीदवार और सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे थे. समाजवादी पार्टी के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ को जीत मिली थी. जबकि, सपा के दो ही उम्मीदवार जया बच्चन और रामजीलाल सुमन जीते थे. तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन हार गए थे.
समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों और सुभासपा के एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसमें राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडे के अलावा राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या भी शामिल थे. पार्टी ने डेढ़ साल बाद राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडे को पार्टी से निकाला है. अभी राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या को अच्छे व्यवहार के कारण अल्टीमेटम देकर कोई कार्रवाई नहीं की है.
सपा ने इन विधायकों पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने और किसान, महिला, युवा व कारोबारी विरोधी नीतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी. पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले हर सदस्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
समाजवादी पार्टी के मुताबिक, निष्कासित किए गए विधायकों को सुधार का मौका दिया गया था, लेकिन वे इसमें असफल रहे. पार्टी के अनुसार, वह अपनी विचारधारा और सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं करेगी और पार्टी के मूल्यों के खिलाफ किसी भी गतिविधि को अस्वीकार्य माना जाएगा.
