बलरामपुर के विमला विक्रम अस्पताल में शर्मनाक वारदात: महिला मरीज से बेहोशी का इंजेक्शन देकर रेप, आरोपी कर्मचारी गिरफ्तार
28 जुलाई 2025 : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के पचपेड़वा थाना क्षेत्र में स्थित विमला विक्रम अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 28 वर्षीय महिला मरीज, जो सीने में दर्द और बुखार की शिकायत लेकर इलाज के लिए भर्ती हुई थी, के साथ अस्पताल के कर्मचारी योगेश पांडेय ने बेहोशी का इंजेक्शन देकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना का विवरण
घटना 25 जुलाई 2025 की रात करीब 4 बजे की है, जब गैसड़ी क्षेत्र की रहने वाली महिला को विमला विक्रम अस्पताल के ICU में भर्ती किया गया था। पुलिस के अनुसार, नाइट शिफ्ट में तैनात कंपाउंडर योगेश पांडेय ने महिला के परिजनों को ICU से बाहर भेज दिया और अन्य स्टाफ को भी वार्ड से हटा दिया। इसके बाद उसने इलाज के बहाने महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। होश में आने पर महिला ने अपने साथ हुई दरिंदगी की जानकारी परिजनों और अस्पताल स्टाफ को दी, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस की कार्रवाई
पचपेड़वा थाने में पीड़िता की तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64(2) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 123 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक (SP) विकास कुमार के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें ASP विशाल पांडेय, CO बृजनंदन राय, और थाना प्रभारी ओम प्रकाश चौहान शामिल थे। 27 जुलाई को मुखबिर की सूचना पर आरोपी को भाथर पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में योगेश पांडेय ने अपना अपराध कबूल किया और बताया कि उसने मौका देखकर इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया।
सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल जांच
अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में घटना की पुष्टि हुई, जिसमें आरोपी को महिला के पास जाते देखा गया। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
अस्पताल प्रबंधन पर सवाल
विमला विक्रम अस्पताल, जो समाजवादी पार्टी के पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री सलील सिंह टीटू से जुड़ा बताया जा रहा है, इस घटना के बाद विवादों में घिर गया है। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की और उन्हें धमकी दी। हालांकि, पुलिस ने इस दावे की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रशासन से पूछताछ की जा रही है।
महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता
इस घटना ने अस्पतालों जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह पहला मामला नहीं है; इससे पहले भी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अस्पतालों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
प्रशासन का बयान
SP विकास कुमार ने कहा, “आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और मामले की जांच जारी है। पीड़िता को पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है, और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।” क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर बृजनंदन राय ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच के बाद आरोपी को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और प्रबंधन से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी को मरीजों को इंजेक्शन लगाने की अनुमति कैसे दी गई। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
