‘सपनों का सारथी’ को बेस्ट सेलर्स बुक लिस्ट में मिला स्थान

जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के जीवन संघर्ष की प्रेरक घटनाओं पर केन्द्रित उपन्यास ‘सपनों का सारथी’ अमेजन के अन्तरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर्स बुक्स की सूची में शामिल हुआ है।
इस उपन्यास के मुख्य पात्र के संघर्ष, दृढ़ निश्चय व सकारात्मक सोच से सफलता व उपलब्धियों की ओर बढ़ने की गाथा को युवाओं व प्रतियोगी छात्रों के द्वारा इतना पसंद किया जा रहा है कि इस पुस्तक की रोचक कहानियों को सोशल मीडिया पर अनेक विभूतियों द्वारा शेयर किया गया।
अमेजन की बेस्ट बुक्स सेलर की सेल्फ हैल्प सक्सेस कैटेगरी की में टॉप 100 पुस्तकों की सूची में इस पुस्तक के शामिल होने से झांसी का गौरव बढ़ा है।
क्या खास है इस उपन्यास में
विगत दिनों जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के संघर्षमय जीवन पर केन्द्रित ‘सपनों का सारथी’ उपन्यास का बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में भव्य विमोचन किया गया था। इस उपन्यास में अभावों में पले एक बालक की जीवटता को दर्शाती ऐसी कहानी है जो निराशा और अवसादग्रस्त युवाओं के लिये एक रसायन का काम करके उन्हें सकारात्मक सोच के लिए प्रशिक्षित करती है। कहानी के मुख्य पात्र रविन्द्र कुमार ने अपने जीवन में संघर्ष करते हुए नवोदय में शिक्षा ग्रहण कर आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा पास की, मर्चेन्ट नेवी में नौकरी की और फिर आई.ए.एस. बने। आई.ए.एस. बनने के बाद दो बार माउन्ट एवरेस्ट पर चढ़ाई की।
इसमें रविन्द्र कुमार के जीवन की प्रेरक घटनाओं को रोचक कहानियों में पिरोकर प्रस्तुत किया गया है जो पाठकों के मन को झकझोर कर उन्हें एक चलचित्र का अनुभव कराती है। लेखकों ने इसमें आम जनमानस की भाषा का प्रयोग किया है। उपन्यास पढ़ते समय ऐसा प्रतीत होता है मानो पाठक मुंशी प्रेमचन्द्र के किसी उपन्यास को पढ़ने का आनंद ले रहे हों। गाँव के परिवेश, समस्याओं व जन-जीवन का ऐसा सजीव चित्रण किया गया है । प्रतीत होता है कि पाठक गाँव में ही किसी स्थान पर खड़ा हुआ है और इन घटनाओं के अपने सामने घटित होता हुआ देख रहा है। भाषा की रवानगी को बनाये रखते हुए उपन्यास में पात्रों के संवादों में हिन्दी, उर्दू व अँग्रेजी के ऐसे अनेक शब्दों का भी प्रयोग किया गया है जो छात्रों को प्रेरित करने के साथ-साथ उनके ज्ञानकोश में भी वृद्धि करेंगे।
कौन है उपन्यास के लेखक
इस उपन्यास के दो लेखक डॉ अनिरूद्ध रावत व आनन्द चौबे हैं। डॉ अनिरूद्ध रावत वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग, झांसी में अध्यापक हैं। इनकी पूर्व में भी अंग्रेजी में कई पुस्तकें व शोध लेख भी प्रकाशित हैं। आनन्द चौबे वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन/सिफ्सा में मण्डलीय परियोजना प्रबंधक हैं।
